दिल्ली:दिल्ली सरकार के मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें उस समय बढ़ा दीं, जब उन्होंने एक ऐसे कार्यक्रम में शिरकत किया, जहां मौजूद लोग हिंदू धर्म के बहिष्कार की शपथ ले रहे थे। सीएम अरविंद केजरवील के लिए यह मामला इसलिे गले की फांस बनता जा रहा है क्योंकि वो स्वयं अक्सर कनॉट प्लेस के हनुमान मंदिर में मत्था टेकते हुए दिखाई देते हैं।
उसके अलावा भी सीएम केजरीवाल दिल्ली के वरिष्ठ नागरिकों के लिए कई हिंदू तीर्थस्थानों के लिए मुफ्त दर्शन की योजना भी चला रहे हैं। ऐसे में सूबे की मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने मुख्यमंत्री केजरीवाल पर अपने मंत्री के कथित वायरल वीडियो पर सफाई मांगी है और हिंदू धर्म के प्रति अपने रूख को स्पष्ट करने की मांग की है।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक कथित वायरल वीडियो में दिल्ली सरकार के मंत्री राजेंद्र पाल गौतम को एक कार्यक्रम में भाग लेते देखा गया। जहां मौजूद लोगों ने कार्यक्रम में हिंदू देवताओं का बहिष्कार करने की शपथ ली थी।
इस संबंध में दिल्ली भाजपा के पूर्व अध्यक्ष और लोकसभा सांसद मनोज तिवारी ने केजरीवाल सरकार हमला करते हुए कहा, "यह दंगा कराने की कोशिश है। यह अरविंद केजरीवाल का क्रूर चेहरा है और अगर ऐसा नहीं है तो वे अपने मंत्री को 24 घंटे में निलंबित करें। अगर वे ऐसा नहीं करते तो यह उनका ही बयान माना जाएगा। हम उनकी पुलिस में शिकायत करने जा रहे हैं।"
इस विवाद पर भाजपा के सख्त रूख को देखते हुए मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने सफाई पेश की है और भाजपा पर पलटवार करते हुए कहा, "भाजपा देश द्रोही है। अगर मेरी आस्था बौद्ध धर्म में है तो उससे किसी को क्या दिक़्कत है? भाजपा को शिकायत करनी है तो वह करें। भारत का संविधान हमें किसी भी धर्म को मानने की आज़ादी देता है। भाजपा की ज़मीन खिसक रही है और वह आम आदमी पार्टी से डरती है।"
मालूम हो कि दिल्ली सरकार के खिलाफ लगातार हमला करने वाली भाजपा अक्सर केजरीवलाल सरकार को हिंदू विरोधी बताकर घेरने की कोशिश करती रहती है। वहीं बीते कुछ समय केजरीवाल सरकार की शराब नीति भी सुर्खियों में रही। जिसमें सीझे दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया सीबीआई के रडार हैं।