Delhi Election Results 2025: दिल्ली में बीजेपी ने 48 सीट पर किया कब्जा?, बिहार एनडीए में जीत की लहर, नवंबर चुनाव से पहले बल्ले-बल्ले
By एस पी सिन्हा | Updated: February 8, 2025 16:06 IST2025-02-08T16:04:26+5:302025-02-08T16:06:27+5:30
Delhi Election Results 2025: दिल्ली में भाजपा जीत मिलने के बाद पार्टी के कार्यकर्ता एक नए जोश के साथ चुनावी मैदान में उतरेंगे।

file photo
Delhi Election Results 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव के परिणाम में भाजपा को मिली जबर्दस्त जीत के बाद बिहार में एनडीए नेताओं के हौसले बुलंद हो गए हैं। इस परिणाम का असर बिहार में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव पर पड़ना तय माना जा रहा है। जानकार भी मानते हैं कि दिल्ली में हुई जीत के बाद बिहार में भी भाजपा का प्रभाव और स्थिति मजबूत हो सकती है। दिल्ली में भाजपा को मिली जीत के बाद बिहार में एनडीए नेताओं में अलग ही जोश देखने को मिल रहा है। दिल्ली में भाजपा जीत मिलने के बाद पार्टी के कार्यकर्ता एक नए जोश के साथ चुनावी मैदान में उतरेंगे।
सियासत के जानकारों का मानना है कि दिल्ली में भाजपा सरकार बनने के बाद बिहार में भाजपा पर दबाव कम होगा। महाराष्ट्र की तरह, भाजपा बिहार में भी अपनी स्थिति को मजबूत कर सकती है। लेकिन बिहार में बिना नीतीश कुमार के चेहरे के भाजपा चुनाव में नहीं उतर सकती। हालांकि दिल्ली विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद भाजपा अभी अपर हैंड तो है, लेकिन भाजपा यह गलती नही करेगी कि वह अपने सहयोगियों को नाराज कर आगे बढे। इसका एक कारण यह भी है कि नीतीश कुमार की लोकप्रियता के साथ-साथ मोदी मैजिक पर भी सभी की निगाहें होंगी।
जदयू के नेता यह चाहते हैं कि नीतीश कुमार के चेहरे पर ही चुनाव लड़ा जाए। ऐसे में भाजपा भी कोई नुकसान उठाने के मूड में नहीं दिख रही है। भाजपा ने अब तक नीतीश कुमार के लिए त्याग की है, उसे अभी वह कायम रखने को तैयार दिख रही है। नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए का गठबंधन मजबूत है।
भाजपा के समर्थन से बिहार में एनडीए की सरकार बनाने की उम्मीद है और यह तय है कि नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री के रूप में एनडीए के नेतृत्व में चुनाव लड़ेंगे। बिहार में एनडीए में जदयू, भाजपा, हम, लोजपा(रा) और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक मोर्चा(रालोमो) शामिल हैं। उधर, महागठबंधन में राजद की मनमानी पर भी अंकुश लग जाने की संभावना है।
दरअसल, बिहार में अभी तक महागठबंधन को राजद ही नेतृत्व कर रही है। राजद प्रमुख लालू यादव और तेजस्वी यादव ना सिर्फ गठबंधन में सीटों का बंटवारा करते हैं, बल्कि साथी दलों में टिकट वितरण में भी हस्तक्षेप करने लगते हैं। उनके आगे कांग्रेस जैसे दलों को भी झुकना पड़ जाता है। लेकिन इस नतीजे के बाद लालू परिवार को यह डर सताने लगा है कि अगर गठबंधन टूट गया तो सत्ता हासिल करना मुश्किल हो जाएगा। जानकारों के अनुसार दिल्ली विधानसभा चुनाव में अरविंद केजरीवाल की पार्टी को मिली हार का ठीकरा कांग्रेस पर फूटना तय माना जा रहा है।
जानकारों की मानें तो इस चुनाव परिणाम के बाद कांग्रेस को इंडिया गठबंधन के सभी दल किनारे करने की रणनीति अपना सकते हैं। उल्लेखनीय है कि दिल्ली चुनाव से पहले ममता बनर्जी ने इंडिया गठबंधन का नेतृत्व करने की इच्छा जताई थी और लालू प्रसाद यादव, उमर अब्दुल्ला, शरद पवार, अरविंद केजरीवाल आदि नेताओं ने समर्थन भी किया था।
ऐसे में अब अगर बिहार विधानसभा चुनाव से पहले इंडिया गठबंधन में कोई खटर-पटर होती है तो इसका असर राजद और कांग्रेस गठबंधन पर भी पड़ सकता है। यह टूट भी सकता है। इसका कारण यह है कि लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव ने भी ममता बनर्जी को इंडिया गठबंधन का नेतृत्व देने पर राजीनामा दिया था। बिहार में इंडिया गठबंधन में राजद, कांग्रेस के अलावे वीआईपी पार्टी है।
ऐसे में अब कांग्रेस दबाव बनाने की स्थिति में नही रह गई है। बीते 20 दिनों में राहुल दो बार पटना आए और दोनों बार जातीय जनगणना पर सवाल उठाकर चले गए, जबकि इसे तेजस्वी यादव अपनी कामयाबी बताते घूमते हैं। वहीं, चुनाव परिणाम आने के बाद हम प्रमुख एवं केन्द्रीय मंत्री जीतन राम मांझी गदगद हो गए हैं।
उन्होंने कहा है कि दिल्ली तो झांकी है, बिहार अभी बाकी है। उन्होंने कहा कि लालू यादव तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री दिवास्वप्न देख रहे हैं। तेजस्वी यादव को बिहार का मुख्यमंत्री बनाना उनके लिए केवल ख्याली पुलाव है। बिहार में नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार ने अच्छे काम किए हैं और आगामी विधानसभा चुनाव में एनडीए की सरकार 225 सीटों के साथ बनेगी। जिसमें नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री होंगे।
जबकि बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि बिहार में नीतीश कुमार एनडीए के सर्वमान्य नेता हैं। जदयू और भाजपा का गठबंधन मजबूत है। नीतीश कुमार के नाम पर कोई भी सवाल नहीं उठ रहा है। उनकी नीतियों के कारण ही बिहार में विकास हुआ है।
आगामी विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार ही बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में अपना चेहरा बनाएंगे। बिहार में एनडीए एक मजबूत गठबंधन है और नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार का चौमुखी विकास हुआ है।