Delhi Election 2025: बीजेपी ने अरविंद केजरीवाल की मुफ्त बिजली और पानी जैसी योजनाओं को पहले “रेवड़ी कल्चर” कहकर बदनाम किया। लेकिन चुनाव से ठीक एक महीने पहले, बीजेपी भी जनता को रेवड़ी देने का वादा करने पर मजबूर हो गई है। सवाल यह है कि जो बीजेपी “काम की राजनीति” का विरोध करती थी, आज वही क्यों केजरीवाल के मॉडल को अपनाने की कोशिश कर रही है?
बिजली: दिल्ली बनाम बीजेपी शासित राज्य
दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की सरकार ने 400 यूनिट तक की बिजली का बिल ₹700 से ₹935 तक रखा है, जो देश में सबसे कम है। इसके विपरीत, बीजेपी शासित राज्यों में बिजली की कीमतें कई गुना ज्यादा हैं। हरियाणा में 400 यूनिट का बिल ₹2,335 है, जो दिल्ली से दोगुना है। उत्तर प्रदेश में यही बिल ₹2,956 है, जो दिल्ली से चार गुना ज्यादा है। मध्य प्रदेश में जनता को ₹3,854 का भुगतान करना पड़ता है, और महाराष्ट्र में तो यह बिल ₹4,463 तक पहुंच जाता है।
पानी: आप मॉडल बनाम बीजेपी शासित राज्य
दिल्ली में आप सरकार हर परिवार को हर महीने 20,000 लीटर मुफ्त पानी देती है। इस सीमा से अधिक इस्तेमाल पर भी सिर्फ ₹2 प्रति 1,000 लीटर का मामूली शुल्क लिया जाता है। वहीं, बीजेपी शासित राज्यों में न तो मुफ्त पानी की सुविधा है और न ही सस्ते दाम। उदाहरण के लिए, महाराष्ट्र में 1,000 लीटर पानी के लिए ₹5.22 से ₹15.44 तक का शुल्क लिया जाता है। मध्य प्रदेश और गुजरात में हर महीने 15,000 से 20,000 लीटर पानी के लिए लगभग ₹100 का भुगतान करना पड़ता है।
महिलाओं के लिए वित्तीय सहायता योजनाएं
दिल्ली में महिलाओं को “मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना” के तहत हर महीने ₹2,100 दिए जाते हैं। यह देश में सबसे अधिक है। मध्य प्रदेश में “लाड़ली बहना योजना” के तहत ₹1,250 मिलते हैं, जो दिल्ली से ₹850 कम हैं। महाराष्ट्र में महिलाओं को ₹1,500 और असम में ₹1,250 की सहायता दी जाती है, जो दिल्ली से कम है।
बीजेपी का “रेवड़ी कल्चर” पर यू-टर्न
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2022 में मुफ्त योजनाओं को “रेवड़ी कल्चर” कहकर आलोचना की थी और इसे देश के विकास के लिए खतरनाक बताया था। लेकिन अब बीजेपी भी दिल्ली में चुनाव जीतने के लिए मुफ्त सुविधाओं का वादा कर रही है। सवाल उठता है कि अगर बीजेपी मुफ्त बिजली-पानी का समर्थन करती है, तो इसे अपने बाकी राज्यों में लागू क्यों नहीं करती?
दिल्ली में जहां 400 यूनिट बिजली का बिल ₹935 तक है, वहीं बीजेपी शासित राज्यों में यह ₹3,854 तक पहुंच जाता है। दिल्ली में हर महीने 20,000 लीटर पानी मुफ्त मिलता है, लेकिन बीजेपी शासित राज्यों में इस तरह की कोई सुविधा नहीं है।
अरविंद केजरीवाल की “काम की राजनीति” ने जनता को राहत दी है और बीजेपी को भी इसी राह पर चलने को मजबूर कर दिया है। जो बीजेपी कभी “रेवड़ी कल्चर” का विरोध करती थी, अब वही मुफ्त योजनाओं की बात कर रही है। इससे साफ है कि केजरीवाल का मॉडल बीजेपी के लिए एक चुनौती बन गया है, जिसे वह अब नजरअंदाज नहीं कर सकती।