1000 ‘लो फ्लोर’ बस की खरीद में अनियमितता, मंत्री गहलोत के खिलाफ ‘‘अपमानजनक’’ ट्वीट क्यों नहीं हटा रहे, कोर्ट ने गुप्ता से पूछा
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: December 20, 2022 16:38 IST2022-12-20T16:37:22+5:302022-12-20T16:38:36+5:30
न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल और न्यायमूर्ति तलवंत सिंह की पीठ ने गुप्ता के वकील से सवाल किया कि वह अपने मुवक्किल से इस बारे में निर्देश लें कि वह अब भी ट्वीट हटाना चाहते हैं, या नहीं।

गुप्ता के वकील ने कहा कि वह अगली सुनवाई में निर्देशों के साथ लौटेंगे।
नई दिल्लीः दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक विजेंद्र गुप्ता से सवाल किया कि वह दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) द्वारा 1,000 ‘लो फ्लोर’ बस की खरीद में अनियमितता के संबंध में परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत के खिलाफ किए गए कथित अपमानजनक ट्वीट को क्यों नहीं हटा रहे हैं।
न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल और न्यायमूर्ति तलवंत सिंह की पीठ ने गुप्ता के वकील से सवाल किया कि वह अपने मुवक्किल से इस बारे में निर्देश लें कि वह अब भी ट्वीट हटाना चाहते हैं, या नहीं। पीठ ने गुप्ता के वकील से पूछा, ‘‘आप ट्वीट क्यों नहीं हटाते, आपका उद्देश्य पूरा हो गया। आप जो करना चाहते थे, वह हासिल कर लिया गया है।
सवाल यह है कि ये ट्वीट क्यों रहने चाहिए? क्या अब भी आपको इस पर कोई टिप्पणी मिल रही है? कृपया इस पर निर्देश प्राप्त करें। आपका उद्देश्य पूरा हो गया है।’’ गुप्ता के वकील ने कहा कि वह अगली सुनवाई में निर्देशों के साथ लौटेंगे।
उच्च न्यायालय गुप्ता के खिलाफ मानहानि के मुकदमे पर अंतरिम राहत देने से इनकार करने वाले एकल न्यायाधीश के आदेश के खिलाफ आम आदमी पार्टी (आप) के नेता की अपील पर सुनवाई कर रहा है। पीठ ने मामले को आगे की कार्यवाही के लिए 16 जनवरी, 2023 को सूचीबद्ध कर दिया।
सुनवाई के दौरान, गहलोत के वकील ने दलील दी कि गुप्ता ने ‘‘आपत्तिजनक’’ ट्वीट किए थे और अदालत से आग्रह किया कि मुकदमे के लंबित रहने के दौरान उन्हें (ट्वीट को) सोशल मीडिया से हटाने का निर्देश दिया जाए।