Delhi Chunav Parinam 2025: 31 के खिलाफ आपराधिक मामले?, 70 विधायकों के पास 1542 करोड़ संपत्ति, 259.67 करोड़ रुपये के साथ सबसे धनी करनैल सिंह
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: February 9, 2025 19:15 IST2025-02-09T19:12:29+5:302025-02-09T19:15:00+5:30
Delhi Chunav Parinam 2025: सातवीं विधानसभा के आंकड़ों से कम है जब 43 विधायकों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए थे।

file photo
Delhi Chunav Parinam 2025: आठवीं दिल्ली विधानसभा के लिए चुने गए 70 उम्मीदवारों में से 31 ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं। चुनाव अधिकार निकाय एडीआर के आंकड़ों में यह बात कही गई है। यह आंकड़ा सातवीं विधानसभा के आंकड़ों से कम है जब 43 विधायकों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए थे।
‘एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स’ (एडीआर) और विधानसभा चुनाव लड़ने वाले सभी 699 उम्मीदवारों द्वारा प्रस्तुत हलफनामों का विश्लेषण करने वाले ‘दिल्ली इलेक्शन वॉच’ ने कहा कि गंभीर आपराधिक मामलों में आरोपी उम्मीदवारों के विजयी होने की संख्या चिंता का विषय बनी हुई है।
विश्लेषण में पाया गया कि 17 नवनिर्वाचित उम्मीदवार गंभीर आपराधिक मामलों का सामना कर रहे हैं, जिनमें हत्या के प्रयास और महिलाओं के खिलाफ अपराध से संबंधित मामले भी शामिल हैं। वर्ष 2020 के चुनाव में विजयी हुए 37 उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामलों की घोषणा की थी।
नवनिर्वाचित विधायकों में से एक ने हत्या के प्रयास से संबंधित मामलों की घोषणा की है तथा दो अन्य पर महिलाओं के खिलाफ अपराध के आरोप हैं। पार्टी-वार विश्लेषण से पता चलता है कि भाजपा के 48 विधायकों में से 16 और आप के 22 विधायकों में से 15 के खिलाफ आपराधिक मामले हैं।
भाजपा के सात और आप के 10 विधायक गंभीर आपराधिक आरोपों का सामना कर रहे हैं। विधानसभा चुनाव के नतीजे शनिवार को घोषित किए गए। विश्लेषण के मुताबिक, 70 नवनिर्वाचित विधायकों के पास कुल संपत्ति 1,542 करोड़ रुपये है। प्रति उम्मीदवार औसत संपत्ति 2020 में 14.29 करोड़ रुपये थी जो अब बढ़कर 22.04 करोड़ रुपये हो गई है।
संपत्ति चार्ट में भाजपा विधायकों का दबदबा है जिनका औसत संपत्ति मूल्य 28.59 करोड़ रुपये है, जबकि आप के विधायकों का औसत संपत्ति मूल्य 7.74 करोड़ रुपये है। इस चुनाव में 115 करोड़ रुपये से 259 करोड़ रुपये तक की संपत्ति वाले तीन भाजपा उम्मीदवार विजयी हुए हैं। इसके विपरीत, आप के तीन विजेताओं ने 20 लाख रुपये से कम की संपत्ति घोषित की।
विश्लेषण के अनुसार, जीतने वाले 44 प्रतिशत उम्मीदवारों के पास 10 करोड़ रुपये या उससे अधिक की संपत्ति है, जबकि केवल 3 प्रतिशत के पास 20 लाख रुपये से कम की संपत्ति है। चुनाव जीतने वाले 23 उम्मीदवारों ने एक करोड़ रुपये या उससे अधिक की देनदारी घोषित की है, जिसमें भाजपा के प्रवेश वर्मा 74 करोड़ रुपये की देनदारी के साथ शीर्ष पर हैं।
तीन सबसे धनी विधायक भी भाजपा से हैं। इनमें करनैल सिंह के पास 259.67 करोड़ रुपये, मनजिंदर सिंह सिरसा के पास 248.85 करोड़ रुपये तथा वर्मा के पास 115.63 करोड़ रुपये की संपत्ति है। विश्लेषण के अनुसार, 64 प्रतिशत नए विधायकों के पास स्नातक डिग्री या उससे ऊपर की डिग्री है, जबकि 33 प्रतिशत ने अपनी शैक्षणिक योग्यता कक्षा 5 और कक्षा 12 के बीच बताई है। उम्र के मामले में 67 फीसदी विजयी उम्मीदवार 41 से 60 साल के बीच की उम्र के हैं, जबकि 20 फीसदी 60 साल से ज्यादा उम्र के हैं।
हालाँकि, इस चुनाव में केवल पाँच महिलाएँ चुनी गईं जबकि 2020 में आठ महिलाएं चुनी गई थीं। विश्लेषण में दोबारा निर्वाचित विधायकों की संपत्ति में वृद्धि पर भी प्रकाश डाला गया। इस बार फिर से चुने गए 22 उम्मीदवारों की औसत संपत्ति पिछले चुनाव के मुकाबले 25 प्रतिशत बढ़कर 8.83 करोड़ रुपये हो गई। 2020 में यह आंकड़ा 7.04 करोड़ रुपये का था।