Delhi Assembly Polls 2025: आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को दिल्ली के जाट समुदाय को केंद्र की अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) सूची में शामिल करने की मांग की। एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री ने केंद्र पर पिछले एक दशक से जाटों को ‘‘गुमराह’’ करने और अपने वादों को पूरा करने में विफल रहने का आरोप लगाया।
पीटीआई ने केजरीवाल के हवाले से कहा, "2015 में भाजपा ने जाट नेताओं को प्रधानमंत्री आवास पर आमंत्रित किया और उन्हें आश्वासन दिया कि दिल्ली के जाट समुदाय को केंद्रीय ओबीसी सूची में शामिल किया जाएगा। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 2019 में यही वादा किया था। हालांकि, इन वादों को पूरा करने के लिए कुछ नहीं किया गया है।"
आप प्रमुख ने सवाल उठाया कि राजस्थान के जाट छात्रों को दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) में आरक्षण का लाभ क्यों मिलता है, जबकि दिल्ली के जाट छात्रों को इससे वंचित रखा जाता है। उन्होंने कहा, "दिल्ली में जाट समुदाय के हजारों बच्चे डीयू में प्रवेश पाने में असमर्थ हैं, क्योंकि वे केंद्रीय ओबीसी सूची का हिस्सा नहीं हैं।" केजरीवाल ने यह भी आरोप लगाया कि दिल्ली के जाटों को राज्य में ओबीसी श्रेणी में मान्यता दिए जाने के बावजूद केंद्र सरकार ने उन्हें लाभ देने से इनकार कर दिया है।
केजरीवाल ने कहा, "यह विश्वासघात के अलावा कुछ नहीं है। केंद्र को दिल्ली के जाट समुदाय को ओबीसी सूची में शामिल करना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि उन्हें नौकरियों और कॉलेज में दाखिले सहित केंद्र सरकार के संस्थानों में आरक्षण मिले।" केजरीवाल ने कहा, "एमसीडी, डीडीए और पीडब्ल्यूडी जैसी केंद्रीय एजेंसियां दिल्ली में बड़े पैमाने पर काम करती हैं और जाटों को ओबीसी सूची में शामिल करने से उनके लिए महत्वपूर्ण अवसर खुलेंगे।"
भाजपा ने केजरीवाल पर किया पलटवार
भाजपा नेता कैलाश गहलोत ने केजरीवाल पर पलटवार करते हुए कहा, "मैं अरविंद केजरीवाल से पूछना चाहता हूं कि उन्हें अचानक जाटों की चिंता क्यों होने लगी है? पिछले 10 सालों में उन्होंने उनकी परवाह नहीं की... अब जब वह एक जाट के खिलाफ चुनाव हारने वाले हैं, तो उन्हें उनकी याद आ रही है।"
70 सदस्यीय दिल्ली विधानसभा के लिए चुनाव 5 फरवरी को होंगे और मतों की गिनती 8 फरवरी को होगी।