नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली में हवा की बिगड़ती गुणवत्ता को लेकर भाजपा और तृणममूल कांग्रेस के बीच संग्राम शुरू हो गया है। दरअसल दिवाली के दिन सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिल्ली-एनसीआर में आतीशबाजी और पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के बावजूद लोगों ने जमकर धामके किये, जिसके कारण राजधानी में रविवार इतना वायु प्रदूषण हुआ कि हालात फिर से खराब हो गये हैं।
समाचार बेवसाइट दिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार दिल्ली में दिवाली के दिन छोड़े गये पटाखों को लेकर अब भाजपा और तृणमूल कांग्रेस आमने-सामने आ गये हैं। एक तरफ पटाखे छूटने पर भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने कहा, "ये आज़ादी और लोकतंत्र की आवाजं हैं।" वहीं तृणमूल नेता साकेत गोखले ने कपिल मिश्रा के इस बयान पर पलटवार करते हुए कहा, "भाजपा नेताओं को प्रतिबंध का मतलब ही पता नहीं है।'
असल में इस विवाद की शुरूआत उस समय हुई, जब दिल्ली भाजपा उपाध्यक्ष कपिल मिश्रा ने रविवार रात सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, “आप पर गर्व है दिल्ली। ये प्रतिरोध की आवाज़ें हैं, आज़ादी और लोकतंत्र की आवाज़ें हैं। लोग बहादुरी से अवैज्ञानिक, अतार्किक, तानाशाही प्रतिबंध का विरोध कर रहे हैं। हैप्पी दिवाली।''
वहीं कपिल मिश्रा के इस एक्स पोस्ट पर बेहद तीखा हमला करते हुए तृणमूल कांग्रेस सांसद साकेत गोखले ने दिल्ली में हुए वायु प्रदूषण पर चिंता जताते हुए कहा कि भाजपा के सांसद और मंत्रियों ने दिल्ली की जनता को वायु प्रदूषण फैलाने के लिए जिम्मेदार हैं और उन्हें प्रतिबंध का उल्लंघन करने के लिए उकसा रहे हैं।
तृणमूल नेता साकेत गोखले ने दिवाली की रात सोशल प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा, “पिछले 6 घंटों की लगातार आतिशबाजी के लिए दिल्ली में सड़कों पर रहने वाले भाजपा सांसदों और मंत्रियों को धन्यवाद। AQI 999 पर पहुंच गया है, जब सत्ताधारी दल के नेता ही दिल्ली में इसका उल्लंघन कर रहे हों तो 'प्रतिबंध' का मतलब समझ में नहीं आता।"
तृणमूल नेता गोखले ने कहा, "उम्मीद है कि लोगों को पीड़ा और संक्रमण से बचाने से भाजपा नेताओं के लिए त्योहार का यह मौसम थोड़ा और खुशनुमा हो जाएगा।"
इसके साथ ही गोखले ने यह भी कहा कि उन्होंने दिल्ली पुलिस के संयुक्त कनॉट प्लेस दफ्तर को यह विवरण देने के लिए लिखा है कि कल रात पटाखों के उपयोग के कितने मामले दर्ज किए गए और क्या कार्रवाई की गई है।
साकेत गोखले ने कहा, “दिल्ली पुलिस को गैस चैंबर में सांस लेने के मामले में तुरंत जवाब देने और हमारी जिम्मेदारी लेने की जरूरत है। कल रात हुई आतिशबाजी के कारण आज सुबह दिल्ली में AQI 999 के खतरनाक स्तर पर पहुंच गया। सुप्रीम कोर्ट के प्रतिबंध के बावजूद शहर में आतिशबाजी आसानी से खरीदी और इस्तेमाल की जा रही है। कल रात कई भाजपा सांसद और मंत्री अपनी 'दिवाली पार्टी' में मेरे पड़ोस में घंटों तक पटाखे फोड़ते रहे।"
उन्होंने कहा, “भाजपा नेता दिल्ली में खुले तौर पर सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवहेलना कर रहे हैं। दिल्ली पुलिस भाजपा के अधीन हो गई है और कोई कार्रवाई नहीं की। हमें यह जानने की जरूरत है कि दिल्ली पुलिस ने अपना काम क्यों नहीं किया और दिल्ली के लाखों लोग आज सुबह गैस चैंबर से क्यों पीड़ित हो रहे हैं।''
मालूम हो कि दिल्ली में पिछले साल दिवाली पर एक्यूआई 312, 2021 में 382, 2020 में 414, 2019 में 337, 2018 में 281, 2017 में 319 और 2016 में 431 दर्ज किया गया था।
AQI की कुल छह श्रेणियां होती हैं। जनमें 0-50 को 'अच्छा', वहीं 50-100 को'संतोषजनक', 100 से 200 को मध्यम प्रदूषित, (100-200), 200 से 300 को 'खराब', 300 से 400 को 'बहुत खराब' और 400 से 500 को बहद 'गंभीर' माना जाता है।