निजी अस्पतालों के लिए 25 प्रतिशत टीकों के आवंटन का फैसला वापस लिया जाए: वाम दल
By भाषा | Published: June 8, 2021 08:15 PM2021-06-08T20:15:22+5:302021-06-08T20:15:22+5:30
नयी दिल्ली, आठ जून देश के प्रमुख वामपंथी दलों ने मंगलवार को कहा कि सरकार को निजी अस्पतालों के लिए 25 प्रतिशत टीके आवंटित करने का फैसला वापस लेना चाहिए, क्योंकि यह ‘लूट का लाइसेंस’ है।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि 18 साल से अधिक उम्र के सभी नागरिकों के टीकाकरण के लिए राज्यों को 21 जून से मुफ्त टीका उपलब्ध कराया जाएगा और आने वाले दिनों में टीकों की आपूर्ति में बड़े पैमाने पर बढ़ोतरी की जाएगी।
उन्होंने राष्ट्र के नाम संबोधन में यह ऐलान भी किया कि कुल टीके में 75 प्रतिशत की खरीद सरकार करेगी और 25 प्रतिशत अब भी निजी अस्पतालों को मिलेंगे, लेकिन वे प्रति खुराक 150 रुपये से ज्यादा सेवा शुल्क नहीं ले सकेंगे।
माकपा ने एक बयान में दावा किया कि देश की जनता टीकाकरण को लेकर राज्य पर गलत आरोप मढ़ने के प्रधानमंत्री के प्रयासों को खारिज करेगी।
उसने कहा, ‘‘विफल टीकाकरण नीति को पूरी तरह बदल दिया गया है। सरकार ने अलग-अलग कीमत वाली नीति को बरकरार रखा है। कुल टीकों का 25 प्रतिशत अभी भी निजी अस्पतालों के लिए आरक्षित होगा। यह कुछ नहीं, बल्कि लूट का लाइसेंस देने की तरह है।’’
भाकपा ने कहा कि यह केंद्र की जिम्मेदारी है कि देश के सभी नागरिकों को टीके मुफ्त में उपलब्ध हों।
पार्टी ने निजी अस्पतालों में भी मुफ्त टीकाकरण की पैरवी की और कहा कि सरकार को टीकाकरण को लेकर राज्यों एवं जनता को विश्वास में लेना चाहिए।
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