नयी दिल्ली, 18 मई सरकार कोविड-19 के इलाज के लिए निर्मित भारत की पहली स्वदेशी दवा 2-डीजी के आंकड़ों का अध्ययन करने के बाद इसे कोरोना वायरस के उपचार के राष्ट्रीय प्रोटोकॉल में शामिल करने पर विचार करेगी। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ वी के पॉल ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने आंकड़ों को देखने के बाद दवा के आपात इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है।
दवा 2-डिऑक्सी-डी-ग्लूकोज (2-डीजी) को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) की प्रयोगशाला, नाभिकीय औषधि तथा संबद्ध विज्ञान संस्थान (इनमैस) ने डॉ रेड्डीज लैबोरेटरीज (डीआरएल), हैदराबाद के साथ मिलकर विकसित किया है।
पॉल ने एक प्रश्न के जवाब में कहा, ‘‘हम कोविड-19 राष्ट्रीय कार्यबल की बैठक में दवा को राष्ट्रीय उपचार प्रोटोकॉल में शामिल करने के बारे में विचार करेंगे।’’
दवा 2-डीजी की पहली खेप को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को यहां जारी किया था और स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन को सौंपा था।
दवा के शैशे का एक-एक डिब्बा एम्स दिल्ली के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया और सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा (एएफएमएस) के लेफ्टिनेंट जनरल सुनील कांत को सौंपा गया था।
देशभर के विभिन्न अस्पतालों को आपात इस्तेमाल के लिए दवा सौंपी जाएगी।
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