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डम्पा विधानसभा उपचुनावः वनलालसैलोवा, लालथंगलियाना, रोटलुआंगालियाना और लालहमंगइहा में टक्कर, देखिए आंकड़े

By सतीश कुमार सिंह | Updated: November 14, 2025 08:22 IST

Dampa Assembly by-election: जुलाई में मौजूदा MNF विधायक लालरिन्टलुआंगा सैलो के निधन के बाद यह उपचुनाव ज़रूरी हो गया था।

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ठळक मुद्देDampa Assembly by-election: भाजपा ने पूर्व कांग्रेस नेता लालहमंगइहा को उम्मीदवार बनाया है।Dampa Assembly by-election: पीपुल्स कॉन्फ्रेंस (पीसी) ने जाहमिंगथांगा को उम्मीदवार नामित किया है। Dampa Assembly by-election: ज़ोरम पीपुल्स मूवमेंट (ZPM) के लिए एक अहम परीक्षा माना जा रहा है।

आइजोलः मिजोरम के मामित जिले की डम्पा विधानसभा सीट पर उपचुनाव 11 नवंबर को खत्म हुआ। उपचुनाव की मतगणना 14 नवंबर को शुरू हो गई। 21 जुलाई को मिज़ो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) के निवर्तमान विधायक लालरिंटलुआंगा सेलो के निधन के कारण डम्पा सीट पर उपचुनाव की आवश्यकता पड़ी। सत्तारूढ़ जोरम पीपुल्स मूवमेंट (जेडपीएम) ने मिज़ो गायिका और धर्मोपदेशक वनलालसैलोवा को मैदान में उतारा है, जबकि मुख्य विपक्षी दल मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) ने अपने वरिष्ठ उपाध्यक्ष और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री डॉ. आर. लालथंगलियाना को मैदान में उतारा है। कांग्रेस ने पार्टी उपाध्यक्ष और पूर्व मंत्री जॉन रोटलुआंगालियाना को उम्मीदवार घोषित किया है। भाजपा ने पूर्व कांग्रेस नेता लालहमंगइहा को उम्मीदवार बनाया है, जो हाल ही में भाजपा में शामिल हुए हैं।

मिजोरम में विपक्षी पीपुल्स कॉन्फ्रेंस (पीसी) ने उपाध्यक्ष के जाहमिंगथांगा को उपचुनाव के लिए अपना उम्मीदवार नामित किया है। विधानसभा क्षेत्र में 53 मतदाता ऐसे हैं, जिनकी आयु 85 वर्ष हो चुकी है तथा तीन मतदाता दिव्यांग हैं। अगले साल होने वाले निकाय चुनावों से पहले सत्तारूढ़ ज़ोरम पीपुल्स मूवमेंट (ZPM) के लिए एक अहम परीक्षा माना जा रहा है।

ZPM के लिए, इस नतीजे का 3 दिसंबर को होने वाले लाई स्वायत्त ज़िला परिषद (LADC) चुनावों और अगले साल की शुरुआत में होने वाले आइज़ोल नगर निगम (AMC) चुनावों पर असर पड़ने की संभावना है। एमएनएफ के लिए यह उपचुनाव विशेष महत्व रखता है, क्योंकि हार से 40 सदस्यीय विधानसभा में उसकी ताकत और कम हो जाएगी और विपक्ष के नेता पद पर उसका दावा ख़तरे में पड़ जाएगा।

इस पद के लिए किसी भी पार्टी को कम से कम 10 विधायकों की आवश्यकता होती है और सेलो के निधन के बाद एमएनएफ के पास वर्तमान में नौ विधायक हैं। ईसाई बहुल राज्य में अपना आधार बढ़ाने की कोशिश कर रही भाजपा इस चुनाव को अपनी पकड़ मज़बूत करने के एक अवसर के रूप में देख रही है। पार्टी के वर्तमान में विधानसभा में दो विधायक हैं।

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