गृह मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को यह घोषणा की कि अगले साल 26 जनवरी से दमन और दीव तथा दादरा नागर हवेली संयुक्त रूप से एक केंद्र शासित प्रदेश होंगे। दादरा नागर हवेली, तथा दमन और दीव (केंद्र शासित प्रदेशों का विलय) विधेयक 2019 को हाल ही में समाप्त हुए संसद के शीतकालीन सत्र में लोकसभा और राज्यसभा दोनों द्वारा पारित किया गया था।
गृह मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव गोविंद मोहन द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, ‘‘दादरा नागर हवेली और दमन और दीव (केंद्र शासित प्रदेशों के विलय) अधिनियम 2019 (2019 का 44वां) की धारा दो के खंड (अ) के तहत केंद्र सरकार 26 जनवरी, 2020 को उक्त अधिनियम को लागू करने के लिए नियत दिन के रूप में चुनती है।’’
विलय किए गए केंद्र शासित प्रदेश का नाम दादर नागर हवेली और दमन व दीव रखा जाएगा। केंद्रीय गृहराज्यमंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि गुजरात के पास पश्चिमी तट पर स्थित इन दोनों केंद्र शासित प्रदेशों का विलय बेहतर प्रशासन और विभिन्न कार्यों के दोहराव की जांच और निगरानी के उद्देश्य से किया जा रहा है।
दोनों केंद्र शासित प्रदेशों में केवल 35 किमी की दूरी है लेकिन दोनों प्रदेशों में अलग-अलग बजट और अलग-अलग सचिवालय हैं। दादरा नागर हवेली में सिर्फ एक जिला है जबकि दमन और दीव में दो जिले हैं। गौरतलब है कि पांच अगस्त को केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू और कश्मीर को दिए गए विशेष दर्जे के अधिकांश प्रावधानों को समाप्त करने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने की घोषणा की थी।
वर्तमान में देश में जम्मू और कश्मीर तथा लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेशों बनने के बाद नौ केंद्र शासित प्रदेश हैं। दमन और दीव तथा दादरा और नागर हवेली के विलय के बाद इनकी संख्या घटकर आठ हो जाएगी।