केंद्र शासित प्रदेश की संख्या होगी कम, दमन-दीव और दादरा एवं नगर हवेली का होगा विलय

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: November 26, 2019 04:11 PM2019-11-26T16:11:01+5:302019-11-26T16:11:01+5:30

विधेयक के उद्देश्यों एवं कारणों में कहा गया है कि न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन की नीति के तहत दोनों संघ राज्य क्षेत्रों की कम जनसंख्या और सीमित भौगोलिक क्षेत्र पर विचार करते हुए दादरा और नगर हवेली तथा दमन एवं दीव संघ राज्य क्षेत्रों का एक संघ राज्य क्षेत्र में विलय करने का निश्चय किया गया और इसलिये यह विधेयक लाया गया है।

Union Territory's number will be less, Daman-Diu and Dadra and Nagar Haveli will be merged | केंद्र शासित प्रदेश की संख्या होगी कम, दमन-दीव और दादरा एवं नगर हवेली का होगा विलय

दमन और दीव तथा दादरा एवं नगर हवेली के विलय के बाद केंद्र शासित प्रदेशों की संख्या घटकर आठ हो जाएगी। 

Highlightsगृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने दादरा और नगर हवेली एवं दमन तथा दीव (केंद्र शासित प्रदेशों का विलय) विधेयक 2019 पेश किया।दादरा और नगर हवेली में सिर्फ एक जिला है जबकि दमन और दीव में दो जिले हैं।

दो केंद्र शासित प्रदेशों दमन तथा दीव और दादरा एवं नगर हवेली का विलय कर एक केंद्र शासित प्रदेश बनाने के प्रावधान वाले एक विधेयक को लोकसभा में मंगलवार को पेश किया गया।

निचले सदन में गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने दादरा और नगर हवेली एवं दमन तथा दीव (केंद्र शासित प्रदेशों का विलय) विधेयक 2019 पेश किया। विधेयक के उद्देश्यों एवं कारणों में कहा गया है कि न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन की नीति के तहत दोनों संघ राज्य क्षेत्रों की कम जनसंख्या और सीमित भौगोलिक क्षेत्र पर विचार करते हुए दादरा और नगर हवेली तथा दमन एवं दीव संघ राज्य क्षेत्रों का एक संघ राज्य क्षेत्र में विलय करने का निश्चय किया गया और इसलिये यह विधेयक लाया गया है।

इसमें कहा गया है कि दोनों केंद्र शासित प्रदेशों के विलय के लक्ष्य दक्षता बढ़ाकर और कागजी कार्यों में कमी लाकर दोनों संघ राज्य क्षेत्रों के नागरिकों को बेहतर सेवाएं प्रदान करना, प्रशासनिक व्यय में कमी लाना, नीतियों और योजनाओं में एकरूपता लाना, योजनाओं की बेहतर निगरानी करना तथा विभिन्न कर्मचारियों के कॉडर का बेहतर प्रबंधन करना आदि हैं।

विधेयक के उद्देश्यों एवं कारणों में कहा गया है कि दमन एवं दीव तथा दादरा और नगर हवेली संघ राज्य क्षेत्र की प्रशासनिक संरचना, इतिहास, भाषा और संस्कृति एक जैसी हैं। दोनों संघ राज्य क्षेत्रों के विभिन्न विभागों के सचिव, पुलिस प्रमुख, वन संरक्षक सामान्य हैं और गृह मंत्रालय, पर्यावरण और वन मंत्रालय द्वारा पदस्थापित अखिल भारतीय सेवाओं के अधिकारी उनके कार्य आवंटन के अनुसार इन दोनों राज्यों में सेवाएं देते हैं । इसके अलावा दो सचिवालय और दो समांतर विभाग हैं।

दादरा और नगर हवेली में सिर्फ एक जिला है जबकि दमन और दीव में दो जिले हैं। विधेयक में कहा गया है कि दो संघ राज्य क्षेत्र में दो पृथक संवैधानिक और प्रशासनिक सत्ता होने के कारण कार्य में दोहराव होता है, कार्य क्षमता में कमी आती है और फिजूलखर्ची बढ़ती है जिससे सरकार पर अतिरिक्त वित्तीय भार आता है। यह देखते हुए इस विधेयक को लाया गया है।

गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू और कश्मीर को दिए गए विशेष दर्जे के अधिकांश प्रावधानों को पांच अगस्त को समाप्त करने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने की घोषणा की थी। जम्मू और कश्मीर तथा लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेश बनने बाद वर्तमान में देश में नौ केंद्र शासित प्रदेश हैं। दमन और दीव तथा दादरा एवं नगर हवेली के विलय के बाद केंद्र शासित प्रदेशों की संख्या घटकर आठ हो जाएगी। 

Web Title: Union Territory's number will be less, Daman-Diu and Dadra and Nagar Haveli will be merged

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