दरियागंज हिंसा: मायावती बोलीं-जबरन जेल चला जाता है चंद्रशेखर आजाद, BSP कार्यकर्ताओं को किया सचेत
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: December 22, 2019 11:37 AM2019-12-22T11:37:29+5:302019-12-22T11:37:29+5:30
दरियागंज हिंसा मामले में भीम आर्मी के प्रमुख चन्द्रशेखर आजाद को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है.
दिल्ली की एक अदालत ने दरियागंज हिंसा मामले में गिरफ्तार भीम आर्मी के प्रमुख चन्द्रशेखर आजाद को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया वहीं 15 अन्य को अदालत ने दो दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा है। बीएसपी प्रमुख मायावती ने आजाद पर निशाना साधा है।
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने ट्वीट कर कहा है कि जिस राज्य में विधानसभा चुनाव होने वाले होते हैं, वहां आजाद जबरदस्ती जेल जाकर वोटों को प्रभावित करता है। उन्होंने बीएसपी कार्यकर्ताओं को सावधान किया है.
1. दलितों का आम मानना है कि भीम आर्मी का चन्द्रशेखर, विरोधी पार्टियों के हाथों खेलकर खासकर बी.एस.पी. के मज़बूत राज्यों में षड़यन्त्र के तहत चुनाव के करीब वहाँ पार्टी के वोटों को प्रभावित करने वाले मुद्दे पर, प्रदर्शन आदि करके फिर जबरन जेल चला जाता है।
— Mayawati (@Mayawati) December 22, 2019
3. अतः पार्टी के लोगों से अपील है कि वे ऐसे सभी स्वार्थी तत्वों, संगठनों व पार्टियों से हमेशा सचेत रहें। वैसे ऐसे तत्वों को पार्टी कभी लेती नहीं है, चाहे वे कितना प्रयास क्यों ना कर ले?
— Mayawati (@Mayawati) December 22, 2019
इससे पहले शनिवार को मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट अरजिंदर कौर ने उनकी जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि इस स्तर पर अदालत मानती है कि आरोपी की जमानत के लिए उचित आधार नहीं बनता है। सुनवाई के दौरान आजाद की ओर से महमूद प्राचा और भानु प्रताप सिंह पेश हुए और उन्होंने कहा कि ऐसा कोई सबूत नहीं है जिससे साबित हो कि उनके मुवक्किल ने जामा मस्जिद में एकत्र भीड़ को दिल्ली गेट जाने के लिए उकसाया, जहां हिंसा हुई।
उन्होंने कहा कि आजाद को गैरकनूनी तरीके से हिरासत में रखा गया है। वहीं, पुलिस ने गवाहों को धमकाने का अंदेशा जताते हुए जमानत का विरोध किया और कहा कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए उनकी न्यायिक हिरासत जरूरी है। अदालत में दोनों पक्षों की दलीलों के बाद जब फैसले का इंतजार किया जा रहा था तब आजाद अदालत कक्ष में बैठे थे और उनके आसपास करीब 15 समर्थक खड़े थे।
इससे पहले वकीलों ने अदालत से अनुरोध किया था कि जांच अधिकारी को आजाद के बारे में विस्तृत जानकारी देने का निर्देश दिया जाना चाहिए। इस पर जांच अधिकारी ने बताया कि आजाद को गिरफ्तार किया गया है और कानून के मुताबिक 24 घंटे के भीतर अदालत के समक्ष पेश किया जाएगा। जब आजाद को पुलिस द्वारा सफेद कार से तिहाड़ जेल ले जाया जा रहा था तब उनके समर्थक रावण-रावण के नारे लगा रहे थे।
वहीं, दिल्ली पुलिस ने अपनी प्राथमिकी में आरोप लगाया है कि आजाद ने जामा मस्जिद में एकत्र भीड़ को भड़काऊ भाषण दिया जिसकी वजह से वह दिल्ली गेट की ओर बढ़ी। इससे पहले शाम को दरियागंज हिंसा के मामले में गिरफ्तार 15 लोगों को भी अदालत ने दो दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। हालांकि, पुलिस ने अदालत से इन आरोपियों को 15 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में भेजने की मांग की थी।
पुलिस ने अदालत से कहा, ‘‘सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया। सरकारी कर्मचारियों पर हमला किया गया। जबतक जांच पूरी नहीं हो जाती आरोपियों को जेल में रखा जाए। यह हमला पूर्व नियोजित था। एक कार में आग लगा दी गई, कई लोग घायल हुए। मामले की गहराई से जांच की जरूरत है। वहीं, 15 आरोपियों की ओर से पेश वकील रिबेका जॉन ने इसका विरोध करते हुए कहा कि पुलिस ने बिना सबूत लोगों को गिरफ्तार किया है।