नई दिल्लीः स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि भारत में कोविड-19 के 80 प्रतिशत नए मामले 15 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 90 जिलों से आए, जो इन इलाकों में ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता की ओर इशारा कर रहे हैं।
सत्रह राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 66 जिलों में कोविड-19 संक्रमण दर आठ जुलाई को खत्म हुए हफ्ते में 10 प्रतिशत से अधिक रही है। भारत में पिछले हफ्ते आए कोविड-19 के आधे से अधिक मामले दो राज्यों महाराष्ट्र (21 प्रतिशत) और केरल (32 प्रतिशत) से हैं।
पर्यटक स्थलों पर लोगों के कोविड प्रोटोकॉल का पालन किए बिना एक-दूसरे के साथ घुलने-मिलने के वीडियो चिंता का सबब हैं। गर्भवती महिलाओं में कोविड-19 होने से समय पूर्व प्रसव जैसे कुछ खतरे बढ़ सकते हैं, उनके लिए टीका लगवाना महत्वपूर्ण है।
अग्रवाल ने कहा कि भारत में कोविड के नये मामलों में से 80 प्रतिशत 15 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के 90 जिलों से सामने आये हैं जो इन क्षेत्रों में ध्यान देने की जरूरत की ओर संकेत करता है। उन्होंने कहा कि 17 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के 66 जिलों में कोविड-19 की संक्रमण दर आठ जुलाई को समाप्त हुए सप्ताह में 10 प्रतिशत से अधिक थी।
सरकार ने कहा कि भारत में कोरोना वायरस के लैम्बडा स्वरूप का कोई मामला नहीं देखा गया है। भारत में एक दिन में कोविड-19 के 43,393 नए मामले सामने आने के बाद देश में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 3,07,52,950 हो गई। वहीं, उपचाराधीन मरीजों की संख्या कम होकर 4,58,727 हो गई है।
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से शुक्रवार को सुबह आठ बजे जारी किए गए अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, देश में 911 और लोगों की कोरोना वायरस के संक्रमण से मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 4,05,939 हो गई। नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वी के पॉल ने कहा कि गर्भवती महिलाओं में कोविड-19 से समय पूर्व प्रसव जैसे जोखिम बढ़ सकते हैं इसलिए उनका टीका लगवाना जरूरी है।
पाबंदी घटाने के कारण कोविड-19 के मामले बढ़े : केरल की स्वास्थ्य मंत्री
केरल में कोविड-19 के मामले बढ़ने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इस पर चिंता व्यक्त करने के बीच राज्य सरकार ने शुक्रवार को कहा कि पाबंदियों में ढील देने से मामलों में बढ़ोतरी हुई और उम्मीद है कि अब मामले कम होंगे। स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने बताया कि लॉकडाउन लागू करने, निषिद्ध क्षेत्रों को चिह्नित करने और सरकार द्वारा जोर शोर से जांच और संपर्क का पता लगाने जैसे एहतियाती उपायों के चलते बड़ी संख्या में लोगों का चिकित्सा उपचार सुनिश्चित हुआ है।
उन्होंने कहा, ‘‘सरकार का प्रयास यह सुनिश्चित करना है कि संक्रमित व्यक्तियों की संख्या राज्य की चिकित्सा क्षमता से अधिक न हो ताकि बिस्तर या ऑक्सीजन की अनुपलब्धता के कारण किसी की मृत्यु न हो।’’ जॉर्ज ने कहा कि वायरस के प्रसार को रोकने के लिए टीकाकरण ही एकमात्र उपाय है।
प्रधानमंत्री द्वारा जतायी गयी चिंताओं पर जॉर्ज ने कहा, ‘‘यहां उठाए गए कदमों का निरीक्षण करने केरल पहुंची केंद्र सरकार की टीम किए गए प्रयासों से संतुष्ट थी।’’ केरल में बृहस्पतिवार को कोविड-19 के 13,772 मामले आने से संक्रमितों की संख्या 30,25,466 हो गयी जबकि 142 और मरीजों की मौत हो जाने से मृतक संख्या 14,250 हो गयी।
जॉर्ज ने कहा कि पाबंदियों में ढील दिए जाने के बाद बड़ी संख्या में लोग बाहर निकले जिसके कारण मामलों में बढ़ोतरी हुई। मंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग पुलिस की मदद से यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाएगा कि लोग अपने घरों से बाहर निकलने पर सामाजिक दूरी और मास्क पहनने जैसे कोविड नियमों का पालन करें।
उत्तर प्रदेश में वायरस के कप्पा स्वरूप के दो मामले
उत्तर प्रदेश में जीनोम सीक्वेंसिंग के दौरान दो नमूनों में वायरस के ‘कप्पा’ स्वरूप की पुष्टि हुई है। राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई अधिकारियों की बैठक के बाद जारी सरकारी बयान के मुताबिक ''विगत दिनों केजीएमयू (किंग जार्ज मेडिकल विश्वविद्यालय) में 109 नमूनों की जीनोम सीक्वेंसिंग की गई।
प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक 107 नमूनों में कोविड की दूसरी लहर में सामने आए डेल्टा स्वरूप की ही पुष्टि हुई है, जबकि दो नमूनों में वायरस का कप्पा स्वरूप पाया गया।'' बयान में कहा गया कि ''दोनों ही स्वरूप प्रदेश के लिए नए नहीं हैं। वर्तमान में दैनिक संक्रमण दर 0.04 प्रतिशत है।’’
वायरस के ‘कप्पा’ स्वरूप के बारे में पूछे जाने पर अपर मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि ''कप्पा स्वरूप नई बात नहीं है, पहले भी इस स्वरूप के कई मामले सामने आ चुके हैं । इसलिये घबराने की कोई बात नहीं है, यह कोरोना वायरस का एक सामान्य स्वरूप हैं और इसका इलाज संभव हैं ।'' हालांकि उन्होंने इस बात की जानकारी नहीं दी कि कप्पा स्वरूप के मामले कहां सामने आए हैं।
(इनपुट एजेंसी)