नई दिल्लीः दुनिया भर के तमाम देशों में कोविड-19 की रोकथाम के लिए टीकाकरण शुरू हो चुका है। भारत में इसकी शुरुआत हो चुकी है। हालांकि अभी भी लोग कोविड टीकाकरण लेने से डर रहे हैं।सरकार हरसंभव कोशिश में है कि सभी लोग टीका जरूर ले।
इस बीच, पीआई इंडिया (पार्लियामेंटेरियन्स विद् इनोवेटर्स फॉर इंडिया) ने कोविड 19 टीकाकरण से जुड़ी अफवाहों का मुकाबला करने के लिए देश की अग्रणी टेक्नॉलॉजी कंपनी और कन्वर्सेशन मीडिया मॉर्केटिंग प्लेटफॉर्म बॉबल एआई के साथ मिलकर टीकाकरण जागरूकता अभियान इम्यूनाइज की शुरुआत की।
कोविड 19 टीकाकरण जागरूकता के लिए पहली बार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जा रहा है। ग़ौरतलब है कि सरकार ने कोविड 19 पर जल्द से जल्द काबू पाने के लिए प्रतिदिन एक करोड़ टीके लगाने का लक्ष्य रखा था, लेकिन फिलहाल ये आँकड़ा 40.1 लाख प्रतिदिन है।
सीमित स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ-साथ आम लोगों के बीच टीकाकरण को लेकर फैली अफवाहें भी ज़िम्मेदार हैं, जिसकी वजह से बहुत से लोग अभी भी कोविड 19 का टीका लगवाने से बच रहे हैं। पीआई इंडिया और बॉबल एआई ‘इम्यूनाइज’ कैंपेन के जरिये आम लोगों खासकर युवाओं के बीच जागरूकता बढ़ाकर सरकार के टीकाकरण के लक्ष्य को पूरा करने में भी मदद करना चाहते हैं, ताकि देश जल्द से जल्द कोविड 19 के संकट से बाहर निकल सके।
कोविड 19 टीकाकरण जागरूकता अभियान इम्यूनाइज के तहत पीआई इंडिया ने बॉबल एआई की मदद से कोरोना से जुड़े अलग-अलग पहलुओं पर स्टिकर और जीआईएफ़ (GIF) फ़ॉर्मेट में अनोखा विज़ुअल कंटेंट डिज़ाइन किया है, जिसका इस्तेमाल व्हाट्सएप, फ़ेसबुक मैंसेजर और इंस्टाग्राम सहित कई दूसरे लोकप्रिय मैसेजिंग प्लेटफ़ॉर्म पर रोज़मर्रा की बातचीत के दौरान किया जा सकता है।
ख़ास बात ये है कि बॉबल एआई प्लेटफ़ॉर्म का इस्तेमाल फ़िलहाल देश के 5 करोड़ से ज़्यादा लोग ख़ासकर युवा करते हैं, जो अपने दोस्तों, परिवारवालों या फ़िर किसी भी अन्य व्यक्ति से कोविड 19 के बारे में बातचीत करते हुए इस कैंपने से जुड़े स्टिकर और जीआईएफ़ उन्हें भेज सकते हैं।
इस कैंपेन के लिए बॉबल एआई ने ख़ास तरह के कई जीआईएफ (GIF) और स्टिकर डिज़ाइन किए हैं जो कुछ विशेष तरह के रोचक संदेश प्रसारित करते हैं मसलन — ‘2 शॉट ज़िंदगी के’, ‘सेफ है सुरक्षित है’, ‘सावधानी हटी, दुर्घटना घटी’। ये मैसेज टीकाकरण के संदर्भ में बेहद प्रासंगिक हैं और इंटरनेट यूज़र्स को आकर्षित करते हैं। विशेष बात ये है कि अंग्रेज़ी के अलावा ये सभी संदेश 4 स्थानीय भाषाओं- हिंदी, बंगला, मराठी और मलयालम में भी उपलब्ध हैं।
टीकाकरण से जुड़ी तमाम अफ़वाहों के बारे में सही और प्रामाणिक जानकारी मुहैया कराने की नीयत से लाँच इम्यूनाइज़ कैंपेन अपनी वेबसाइट के ज़रिए वन स्टॉप सॉल्यूशन प्लेटफ़ॉर्म की भूमिका भी निभाता है जहां भारत में बोली जाने वाली 13 भाषाओं में टीकाकरण के बारे में सही जानकारी दी गई है। इस वेबसाइट का मक़सद टीकाकरण से जुड़े मिथकों को दूर करना, इससे जुड़े आम लोगों के सवालों के जवाब देना और साथ ही साथ सरकार द्वारा समय-समय पर जारी किए जा रहे कोविड 19 निर्देशों के बारे में रियल टाईम अपडेट एवं इस विषय में सामने आने वाली नई वैज्ञानिक जानकारियाँ उपलब्ध कराना है।
पिछले साल अप्रैल में लॉन्च किया गया, पीआई इंडिया एक ऐसा मंच है जो सांसदों, उद्योगपतियों, सार्वजनिक स्वास्थ्य एवं नीतिगत विशेषज्ञों को एक मंच पर लाता है ताकि वे कोविड-19 महामारी से जुड़ी समस्याओं को समझ कर उसके लिए समाधान उपलब्ध करा सकें। पीआई इंडिया की इस मुहिम से देश के कई जाने-माने युवा सांसद जुड़े हुए हैं।
बीजेपी के सुधांशु त्रिवेदी, विनय सहस्त्रबुद्धे, जामयंग शेरिंग नामज्ञाल और वरुण गांधी, कांग्रेस के कार्ति चिदम्बरम, मनीष तिवारी और राजीव गौड़ा, बहुजन समाज पार्टी के कुंवर दानिश अली, द्रविड़ मुनेत्र कज़गम (डीएमके) के कलानिधी वीरासामी, वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के लावु कृष्णा, तृणमूल कांग्रेस की महुआ मोइत्रा, शिवसेना की प्रियंका चतुर्वेदी, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह और बीजू जनता दल के सुजीत कुमार हैं।
अभियान के बारे में बात करते हुए पीआई इंडिया के संस्थापक और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता घनश्याम तिवारी ने कहा, ‘‘ पीआई इंडिया का उद्देश्य ऐसी तमाम कोशिशों को मज़बूती प्रदान करना है जो कोविड-19 के खिलाफ़ लड़ाई में देश की मदद कर सकें। पीआई इंडिया विभिन्न राजनीतिक दलों के सांसदों के साथ मिलकर स्वास्थ्य, शिक्षा, रोज़गार के क्षेत्र में कई उल्लेखनीय काम कर रहा है।
टीकाकरण से जुड़े अभियान ‘इम्यूनाइज़’ की शुरुआत लेखक, सर्जन एवं सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ मुस्कान खोसला ने की है जिसे बॉबल एआई अपने तकनीकी कौशल के दम पर बड़े फ़लक पर पहुँचाने में मदद कर रहा है। यह अभियान स्थानीय भाषा में रोचक तरीक़े से संदेश देकर लोगों को ख़ासकर युवाओं को कोविड 19 टीकाकरण के लिए प्रेरित करता है और साथ ही साथ टीकाकरण के बारे में फैली सभी गलत अवधारणाओं को दूर करने में भी मदद करता है।’