लखनऊ: कोविड-19 महामारी और आगामी त्योहारों के मद्देनजर संयुक्त पुलिस आयुक्त (कानून एवं व्यवस्था) पीयूष मोर्डिया ने लखनऊ कमिश्नरी में 10 जुलाई तक सीआरपीसी की धारा 144 लागू करने का आदेश दिया। इसके अलावा पुराने लखनऊ में ड्रोन से निगरानी भी की जाएगी। देशभर में एकबार फिर से कोविड 19 के मामले बढ़ रहे हैं। केंद्र ने भी गुरुवार को इस संबंध में राज्यों को पत्र लिखा है।
वहीं दूसरी ओर, देश में पैगंबर मोहम्मद पर कथित विवादित टिप्पणी करने को लेकर माहौल संवेदनशील है। बीते जुमे को कानपुर हिंसा में देश ने इसकी झलक देख ली है। निलंबित भाजपा नेताओं की टिप्पणी को लेकर देशभर में प्रदर्शन हो रहे हैं। सोशल मीडिया में भी इन मद्दों को तूल दिया जा रहा है।
ऐसे में गुरुवार को संयुक्त पुलिस कमिश्नर (कानून एवं व्यवस्था) पीयूष मोर्डिया खुद मैदान में उतरे और मौलवीगंज से पाटानाला तक फ़्लैग मार्च किया। शुक्रवार को डीसीपी वेस्ट अपनी टीम के साथ फ्लैग मार्च करेंगे। 10 जून को होने वाले जुमे के मद्देनर लखनऊ के चौक, ठाकुरगंज, वजीरगंज, सआदतगंज, अमीनाबाद, बाजारखाला, तालकटोरा, कैसरबाग, मदेयगंज और हसनगंज इलाके में खास सतर्कता बरती जा रही है।
यूपी पुलिस का यह फैसला जुमे की नमाज से ठीक एक दिन पहले लिया गया है। इस दौरान शहर में सभी प्रकार के धरना प्रदर्शन पर रोक लगा दी गई है। सरकारी दफ्तरों और विधानसभा भवन के ऊपर एक किमी की परिधि में ड्रोन से शूटिंग करना सख्त मना होगा। धार्मिक स्थलों पर लगे लाउडस्पीकर परिसर तक ही समित होंगे। आदेश में सार्वजनिक स्थानों पर नमाज एवं पूजा अर्चना करना सख्त मना किया गया है। कोविड-19 के दिशा-निर्देशों का पालन करने के लिए कहा गया है।
कानपुर हिंसा मामले में अब तक 55 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। कानपुर में हिंसा के बाद से सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त किए गए हैं। उपद्रवियों की तलाश में पुलिस लगातार दबिश दे रही है। पुलिस ने कानपुर हिंसा को लेकर सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट डालने वाले एक युवक को गुरुवार को गिरफ्तार किया है।