आपराधिक इतिहास छिपाने वाले मऊ के याचिकाकर्ता पर अदालत ने लगाया पांच लाख रुपये का जुर्माना
By भाषा | Updated: December 15, 2020 23:26 IST2020-12-15T23:26:44+5:302020-12-15T23:26:44+5:30

आपराधिक इतिहास छिपाने वाले मऊ के याचिकाकर्ता पर अदालत ने लगाया पांच लाख रुपये का जुर्माना
प्रयागराज, 15 दिसंबर इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मऊ जिले के एक याचिकाकर्ता उमेश सिंह पर पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया। यह जुर्माना उच्च न्यायालय में दायर एक याचिका में याचिकाकर्ता द्वारा अपने आपराधिक इतिहास को छिपाने के कारण लगाया गया है।
उमेश सिंह ने याचिका में अपनी संपत्ति और 300 टन कोयला छोड़ दिए जाने की मांग की थी जिसे राज्य सरकार द्वारा गैंगस्टर कानून के प्रावधानों के तहत जब्त किया गया था।
न्यायमूर्ति पंकज नकवी और न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल की पीठ ने उमेश सिंह द्वारा दायर याचिका खारिज कर दी और सिंह को 30 दिनों के भीतर जुर्माने की राशि जमा करने का निर्देश दिया।
याचिका में बताया गया था कि जिला प्रशासन द्वारा अवैध रूप से और मनमाने तरीके से संपत्ति जब्त की गई है। इसमें कहा गया कि याचिकाकर्ता कानून का पालन करने वाला नागरिक है और समाज में उसकी बहुत अच्छी प्रतिष्ठा है जिसे प्रशासन ने आदेश पारित करते हुए नजरअंदाज किया।
हालांकि अपर शासकीय अधिवक्ता ने इस याचिका का विरोध किया और दलील दी कि याचिकाकर्ता ने तथ्यात्मक जानकारी को छिपाया है तथा उसके खिलाफ समय समय पर कई आपराधिक मामले दर्ज किए गए थे।
उन्होंने कहा कि आपराधिक मामलों में संलिप्तता का याचिकाकर्ता का पुराना इतिहास है और जिला प्रशासन ने इन तथ्यों को संज्ञान में रखते हुए आदेश पारित किया है। लेकिन याचिकाकर्ता ने जानबूझकर केवल यह उल्लेख किया है कि वह केवल एक मामले में शामिल था।
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