भारत बायोटेक की कोविड वैक्सीन को तीसरे चरण के ट्रायल्स के लिए वॉलेंटियर की कमी का सामना करना पड़ रहा है। कोवैक्सीन का तीसरे चरण का ट्रायल दिल्ली एम्स सहित देशभर में 12 स्थानों पर चल रहा है।
एम्स को 1200 से 1500 तंदरुस्त वॉलेंटियर्स चाहिए पर उसे फिलहाल 200 वॉलेंटियर्स ही मिले हैं।
माना जा रहा है कि इन खबरों ने वॉलेंटियर्स के उत्साह को कुछ कम कर दिया है कि दिसंबर या जनवरी की शुरुआत तक कोविड की कई वैक्सीन उपलब्ध हो जाएगी। यह दावा करने वालों में भारत बायोटेक या आईसीएमआर नहीं है।
अनेक वैक्सीन निर्माता और सरकारी अधिकारी लेकिन कह चुके हैं कि भारत में वैक्सीन किसी भी वक्त उपलब्ध हो सकती है। इस वजह से लोग यह कहकर वॉलेंटियर बनने से कन्नी काट रहे हैं कि जब वैक्सीन ही आ रही है तो किस बात का ट्रायल?
कोरोना वैक्सीन: न पुष्टि न खंडन
कोवैक्सीन प्रोजेक्ट के प्रमुख जांचकर्ता डॉ संजय राय से वॉलेंटियरों की कमी के सवाल को लेकर संपर्क साधा गया तो उन्होंने न इसकी पुष्टि ही की और न ही कोई खंडन किया।
गौरतलब है कि कोवैक्सीन टीके का विकास भारत बायोटेक द्वारा आईसीएमआर के साथ मिलकर स्वदेश में किया जा रहा है।
कोवैक्सीन के पहले चरण के क्लीनिकल परीक्षण के अंतरिम नतीजों से पता चला है कि सभी आयुवर्ग के समूहों पर कोई गंभीर या प्रतिकूल प्रभाव देखने को नहीं मिला है।