नई दिल्ली: कोरोना संकट के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार (26 मार्च) लोगों के लिए बड़ा ऐलान करते हुए राहत पैकेज की घोषणा की। कांग्रेस नेता व सांसद राहुल गांधी ने मोदी सरकार के राहत पैकेज की तारीफ किया है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा केन्द्र का वित्तीय पैकेज सही दिशा में उठाया गया पहला कदम है। उन्होंने कहा कि भारत राष्ट्रव्यापी ‘लॉकडाउन’ का खामियाजा भुगत रहे किसानों, दिहाड़ी मजदूरों, श्रमिकों, महिलाओं और बुजुर्गों का ऋणी है।
वहीं, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने संसदीय क्षेत्र वायनाड में कोरोना वायरस से निपटने के प्रयास के तहत आवश्यक चिकित्सा उपकरणों की खरीद के लिए वहां की जिला कलेक्टर को अपनी सांसद निधि से 2.66 करोड़ रुपये जारी करने का आग्रह किया है।
आइए आपको बताते हैं कि राहत पैकेज के ऐलान की 10 बड़ी बातें...
1- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत किया 1,70000 करोड़ के पैकेज का ऐलान किया है।
2- कोरोना कमांडोज इस जंग को लड़ रहे हैं, उन्हें 50 लाख का लाइफ इंश्योरेंस दिया जाएगा।
3- प्रधानमंत्री अन्न योजना के तहत 5 किलो अतिरिक्त गेहूं या चावल अगले तीन महीने तक मिलेगा। इसका फायदा 80 करोड़ लाभार्थी को मिलेगा। इसके अतिरिक्त गरीबों के लिए 1 किलो दाल का प्रावधान किया गया है।
4- देश के किसानों को परेशानी न हो इसके लिए, पीएम किसान सम्मान निधि के तहत किसानों के खातों में 2000 रुपये की किस्त अप्रैल के पहले हफ्ते में डाल दी जाएगी। इसके करीब 8.70 करोड़ किसानों को लाभ मिलेगा।
5- मनरेगा के माध्यम से जो लोग अपने परिवार को भरण पोषण करते हैं, उनकी मजदूरी 182 रुपये से बढ़ाकर 202 रुपये कर दी है। इससे करीब 5 करोड़ लोगों को लाभ होगा और करीब 2000 रुपये की उनकी आय में वृद्धि होगी।
6- बुजुर्ग, विधवा और दिव्यांगों के लिए 1000 रुपये अतिरिक्त दिए जाएंगे। अगले 3 महीने तक दो किस्त में दिया जाएगा। इस वर्ग के लोगों को डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर किया जाएगा। इस पहल का फायदा लगभग 3 करोड़ लोगों को होगा।
7- उज्ज्वला योजना के तहत जिन महिलाओं को गैस कनेक्शन मिला है, उन्हें अगले तीन महीने तक मुफ्त गैस सिलेंडर दिए जाएंगे। इससे करीब 8 करोड़ महिलाओं को लाभ होगा।
8- जो 63 लाख स्वयं सहायता समूह इस देश में काम कर रहे हैं, उन्हें राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत जो 10 लाख रुपये का लोन मिलता था उसे बढ़ाकर 20 लाख रुपये किया जा रहा है। ताकि वो ज्यादा काम कर सकें:
9- संगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिए और जो नौकरी करने वाले या देने वाले हैं, और वो संस्थान जहां 100 से कम कर्मचारी हैं और जहां 15 हजार से कम सैलरी पाने वाले 90% कर्मचारी हैं। उसमें ईपीएफ के हिस्से का नौकरी देने वाले का 12% और नौकरी करने वाला का भी 12% सरकार देगी। भारत सरकार अगले 3 महीनों के लिए ईपीएफ अंशदान का भुगतान नियोक्ता और कर्मचारी दोनों को करेगी, ताकि किसी को भी नुकसान न हो।
10- निर्माण श्रमिकों के लिए भवन व अन्य निर्माण श्रमिक कल्याण फंड होता है। इसमें करीब 3.5 करोड़ पंजीकृत श्रमिक हैं और इसमें करीब 31,000 करोड़ रुपये का फंड उपलब्ध है, राज्य सरकारों को निर्देश दिये गए हैं कि श्रमिकों के कल्याण में इस फंड का उपयोग करें।