Coronavirus: यूपी के CM योगी आदित्यनाथ ने दिया 'ज्ञान', कहा- मानसिक तनाव पर काबू पा लें तो नहीं होगा कोरोना
By अनुराग आनंद | Updated: March 3, 2020 10:31 IST2020-03-03T10:31:36+5:302020-03-03T10:31:36+5:30
इससे पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने फ्लू पर कहा था कि वे बीमारी को हौव्वा न बनाएं बल्कि इसके उपचार पर ध्यान दें। उन्होंने कहा कि ‘फ्लू कोई बीमारी नहीं है’ और मौसम बदलने पर लोगों को सर्दी लग जाती है।

सीएम योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो)
उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मानसिक तनाव पर काबू पाने वाले व्यक्ति को कोरोना वायरस संक्रमण नहीं हो सकता है। सीएम योगी ने उत्तराखंड में इंटरनैशनल योग फेस्टिवल के दौरान ये बात कही है। उन्होंने इस कार्यक्रम में कहा कि यदि व्यक्ति मानसिक बिमारी को हरा दे तो उसे कभी ब्लड प्रेशर, हार्ट अटैक, किडनी फेल्यर और यहां तक कि कोरोना वायरस से संक्रमण भी नहीं हो सकता है।
टाइम्स नाउ के मुताबिक, इसी कार्यक्रम के दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ ने दावा करते हुए कहा, 'बीते 40 साल में मैंने यह बात देखी है कि 1 से 15 साल उम्र के बीच के लगभग 1500 बच्चे मानसून के मौसम के दौरान इन्सेफेलाइटिस के कारण अपनी जान गंवा देते हैं। गोरखपुर और पूर्वी उत्तर प्रदेश में इस बीमारी से मेरी लड़ाई बीते 25 सालों से रही है और मैं इस नतीजे पर पहुंचा हूं कि- रोकथाम ही एकमात्र इलाज है।'
योगी आदित्यनाथ ने कहा- 'फ्लू कोई बीमारी नहीं है' मौसम बदलने पर लोगों को हो जाती है सर्दी
इससे पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने फ्लू पर बड़ा बयान दिया है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वे बीमारी को हौव्वा न बनाएं बल्कि इसके उपचार पर ध्यान दें। उन्होंने कहा कि ‘फ्लू कोई बीमारी नहीं है’ और मौसम बदलने पर लोगों को सर्दी लग जाती है।
इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने बताया कि हाल में मेरठ में स्वाइन फ्लू से मरने वालों की कुछ संख्या की जानकारी मिली है। लेकिन, इसके तुरंत बाद योगी आदित्यनाथ ने कहा कि फ्लू कोई बीमारी नहीं है। जब मौसम बदलता है, तो कुछ लोगों को सर्दी लग जाती है।। यह अपने आप में फ्लू है।
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, सीएम की मानें तो सर्दी को ही इसके कारणों के आधार पर, हम स्वाइन फ्लू या बर्ड फ्लू या किसी अन्य नाम से बुलाते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘1977-78 से लेकर 2016 तक हर साल तीन से चार महीने में इन्सेफलाइटिस (दिमागी बुखार) से 500 से 1500 बच्चों की मौत होती थी। लेकिन, हमारी सरकार के कामों का ही नतीजा है कि अब इस बीमारी के प्रकोप मौत के आंकड़े में 56 से 60 फीसदी तक गिरावट आई है।
69 देशों में कोरोना का कहर-
चीन के वुहान शहर में दिसंबर 2019 में कोरोना वायरस का पहला मामला सामने आया था। इसके बाद सिर्फ तीन महीनों के अंदर यह वायरस 69 देशों में फैल गया। कोरोना वायरस अब तक 89 हजार से ज्यादा लोगों को अपने चपेट में ले चुका है।
इस वायरस से तीन हजार से ज्यादा लोगों की मौत हुई हैं। सबसे ज्यादा मौत चीन (2900 से ज्यादा) में हुई है जबकि ईरान दूसरे नंबर पर है। ईरान में भयानक कोरोना वायरस से 66 लोगों की मौत हो चुकी है और अब तक 1,501 मामलों की पुष्टि हो चुकी है।