कोरोना वायरस को खत्म करने की जंग में शुरू हुए लॉकडाउन से पूरा देश थम सा गया है। लॉकडाउन नें देश का ड्राइवर वर्ग बेसहारा हो गया है। कैब, ऑटो-रिक्शा, टैक्सी सड़कों पर अब नहीं दिख रहे हैं। बंदी के चलते ड्राइवरों की आजीविका पर पड़े बुरे असर को कम करने के लिए कैब कंपनी ओला ने 'ड्राइव द ड्राइवर फंड' की पहल की है। इस अभियान के तहत ओला क्राउडफंडिंग करेगी और ऑटोरिक्शा, कैब और ट्रैक्सी ड्राइवरों को सहारा देगी। इस फंड में इकट्ठा होने वाली धनराशि Covid-19 महामारी के चलते लागू प्रतिबंधों से प्रभावित हुए ड्राइवरों और उनके परिवारों के कल्याण और उनका हौसला बढ़ाने में मदद करेगी।
इसके तहत ओला ग्रुप और उसके कर्मचारी 20 करोड़ रुपये का योगदान देंगे, जबकि ओला के सह-संस्थापक और सीईओ, भाविश अग्रवाल अपना एक साल का वेतन देंगे। ये दोनों धनराशियां फंड में जमा होंगी।
ओला के ड्राइवरों और उनके परिवारों को मुफ्त चिकित्सा परामर्श भी उपलब्ध होगा। इसके अलावा जरूरत पड़ने पर ओला फाउंडेशन ड्राइवरों और बच्चों की शिक्षा और अन्य मामलों में सहायता करने के लिए भी कदम उठाएगा।