Coronavirus In Bihar: बाहर से आने वाले प्रवासी मजदूरों की स्क्रीनिंग के नाम पर हो रही खानापूर्ति, स्थिति हो सकती है भयावह
By एस पी सिन्हा | Published: May 21, 2020 04:41 PM2020-05-21T16:41:03+5:302020-05-21T16:41:03+5:30
राज्य में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा अब 1900 के करीब पहुंच चुका है अर्थात सूबे में अभीतक कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 1872 हो गई है.
पटना: बिहार आने वाले आप्रवासी मजदूर कोरोना बम बनकर सामने आ रहे हैं. जिसके चलते बिहार में कोरोना संक्रमितों की संख्या में अप्रत्याशित बढ़ोतरी हो रही है. राज्य में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा अब 1900 के करीब पहुंच चुका है अर्थात सूबे में अभीतक कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 1872 हो गई है.
इनमें अधिकतर आप्रवासी मजदूर ही मिल रहे हैं. ऐसे में आप्रवासियों के आने से बिहार में कोरोना का खतरा लगातार बढ रहा है. हाल यह है कि बिहार में विभिन्न स्टेशनों पर देश के हॉट स्पॉट शहरों से आने वाले प्रवासियों की भीड़ के कारण सही से स्क्रीनिंग नहीं हो पा रही है.
बताया जा रहा है कि प्रशासन की तरफ से की गई तैयारी भीड़ के आगे फेल हो जाती है. यात्री एक ट्रेन से उतरते हैं और दूसरे में सवार हो जाते हैं, जिससे हर एक की स्क्रीनिंग नहीं हो पाती है. यही नहीं अपने गंतव्य स्थानों पर उतरने ए बाद क्वारंटाईन सेंटरों में भेजे जाने के वक्त भी उनका स्क्रीनिंग के नाम पर केवल खानापूर्ति किये जाने की बात सामने आने लगी है.
अब उदाहरण के तौर पर पटना के जिलाधिकारी कुमार रवि की ही मानें तो उनके अनुसार बुधवार को दानापुर में कुल 16 ट्रेनें आई थीं, जिनमें सवार होने वाले यात्रियों की संख्या 4113 रही, जबकि 7471 यात्री दानापुर में उतरे हैं. ऐसे में यह सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है कि काफी कम समय में इनका स्क्रीनिंग करा पाना किसी के बूते की बाहर की बात है. यह महज पटना की बात रही, लेकिन बिहार के अन्य जगहों पर प्रतिदिन आप्रवासी मजदूर बड़े पैमाने पर उतर रहे हैं. ऐसे में यह तय है कि आने वाले प्रवासियों की स्क्रीनिंग में कहीं न कहीं से कमी हो रही है और इसी कारण से संक्रमण का ग्राफ बढ रहा है.
हालांकि यह कहा जा रहा है कि स्वास्थ्य विभाग की विशेष टीम क्वारंटाइन सेंटरों में जाकर ऐसे लोगों की स्क्रीनिंग कर रही है, जो देश के हॉट स्पॉट से आए हैं. टीम को यह भी जिम्मेदारी दी गई है कि वह चोरी-छिपे आए लोगों के बारे में भी जानकारी जुटाएं और संदिग्ध पाए जाने पर उनका नमूना जांच के लिए भेजने का काम करें.
बाहर से आने वालों की जानकारी के लिए अब गांव स्तर पर भी स्वास्थ्यकर्मियों की टीम घूम रही हैं. लेकिन जानकारों का मानना है कि इतना आसान भी नही है कि बाहर से आने वाले लाखों आप्रवासी मजदूरों की स्क्रीनिंग करा ली जाये. ऐसे में जानकार बताते हैं कि देश के हॉटस्पॉट शहरों से आने वाले प्रवासियों से खतरा बढ़ा है.