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कोरोना पर गुजरात सरकार को हाई कोर्ट की फटकार, कहा- सिविल अस्पताल की हालत अंधकार से भरे कैदखाने से भी खराब

By विनीत कुमार | Updated: May 24, 2020 08:51 IST

गुजरात देश में कोरोना महामारी से तीसरा सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य है। यहां 13 हजार से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। वहीं कोविड-19 से हुई मौतों के मामले में महाराष्ट्र के बाद गुजरात दूसरे नंबर पर है।

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ठळक मुद्देगुजरात में कोरोना से हो रही मौत और अस्पतालों की हालत पर हाई कोर्ट सख्त गुजरात हाई कोर्ट ने वैंटिलेटर्स की कमी को लेकर भी सरकार से कदम उठाने को कहा

कोरोना संकट के बीच गुजरात हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा है कि राज्य में कोविड-19 के मामलों को 'कृत्रिम रूप से नियंत्रित' करने की कोशिश हो रही है। साथ ही कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में अहमदाबाद के सिविल अस्पताल को एक अंधकार से भरे कैदखाने से भी बुरा बताया। जबकि राज्य में इस अस्पताल को मुख्य तौर पर कोविड-19 की परिस्थितियों से निपटने के लिए तैयार होने की बात कही जाती रही है।

इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार इस सिविल अस्पताल में अब तक 377 लोगों की मौत हो चुकी है। यह पूरे राज्य में कोरोना से हुई मौतों का 45 प्रतिशत है। कोविड-19 से जुड़े मुद्दों को लेकर एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए जस्टिस जे बी पर्दीवाला और इलेश वोहरा की बेंच ने साथ ही राज्य सरकार को कोविड मरीजों की सुविधा और उनके इलाज पर कई दिशा निर्देश जारी किए।   

परिस्थिति की 'डूबते टाइटैनिक जहाज' से तुलना करते हुए बेंच ने कहा, 'यह काफी निराशा और पीड़ा वाली बात है कि सिविल अस्पताल में ऐसे हालात हैं। हमें ये बहुत निराशा के साथ राज्य को कहना पड़ रहा है कि अहमदाबाद सिविल अस्पताल बहुत बुरी हालत में है। जैसा कि हमने पहले कहा, सिविल अस्पताल मरीजों के इलाज के लिए है। हालांकि, ये देखने में ऐसा लग रहा कि ये कालकोठरी या तहखाने जैसा है या शायद उससे भी बहुत बुरा है।'

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने एडिशनल चीफ सेक्रेटरी पंकज कुमार, सेक्रेटरी मिलिंद तोरवाने और प्रिंसिपल सेक्रेटरी (स्वास्थ्य और परिवार कल्याण) जयंती रावी से पूछा कि क्या राज्य के स्वास्थ्य मंत्री (नितिन पटेल) और चीफ सेक्रेटरी (अनिल मुकिम) को मरीजों और कर्मचारियों द्वारा झेली जा रही समस्या के बारे में 'कुछ मालूम' है।

मृत्यु दर और वैंटिलेटर्स की कमी का जिक्र करते हुए कोर्ट ने कहा, 'क्या राज्य सरकार इस तथ्य से वाकिफ है कि सिविल अस्पताल में मरीज मर रहे हैं क्योंकि वैंटिलेटर्स की कमी है? वैंटिलेटर्स की कमी की इस समस्या से निपटने के लिए राज्य सरकार तैयारियों को लेकर क्या कहना चाह रही है?'

कोर्ट ने निर्देश दिए कि राज्य सरकार एक नोटिफिकेशन जारी करे और अहमदाबाद में सभी मल्टीस्पेसियेलिटी, प्राइवेट और कॉरपोर्ट अस्पताल में 50 प्रतिशत बेड कोविड-19 के मरीजों के लिए आरक्षित रखें जाएं।

बता दें कि गुजरात में कोरोना से अब 802 लोगों की मौत हो चुकी है। महाराष्ट्र के बाद ये दूसरा ऐसा राज्य है जहां इतनी मौत कोरोना से हुई है। महाराष्ट्र में 1517 लोगों की जान गई है। वहीं, अब तक आए कुल कोरोना मामलों की बात करें तो गुजरात इस मामले में तीसरे नंबर पर है। यहां अब तक 13268 मामले सामने आए हैं। वहीं, महाराष्ट्र में 44582 और तमिलनाडु में 14753 कोविड-19 के मामले सामने आ चुके हैं। 

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