दिल्ली में नर्स की कोरोना से मौत पर बड़ा खुलासा, साथ काम करने वालों का आरोप- 'इस्तेमाल हुए PPE किट को दोबारा प्रयोग करना पड़ता था'

By विनीत कुमार | Updated: May 26, 2020 08:24 IST2020-05-26T08:24:20+5:302020-05-26T08:24:20+5:30

दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण से पहली बार किसी नर्स की जान गई है। हालांकि, अब इस मामले में कुछ लापरवाही के किस्से भी सामने आ रहे हैं। ऐसे आरोप लग रहे हैं कि नर्सों को इस्तेमाल हो चुके किट को फिर से प्रयोग में लाने को कहा जाता था।

Coronavirus Delhi Nurse death Colleagues say they had to wear used PPE, mask and gloves | दिल्ली में नर्स की कोरोना से मौत पर बड़ा खुलासा, साथ काम करने वालों का आरोप- 'इस्तेमाल हुए PPE किट को दोबारा प्रयोग करना पड़ता था'

दिल्ली में नर्स की कोरोना से मौत के मामले में लापरवाही के आरोप (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Highlightsदिल्ली में नर्स की कोरोना संक्रमण से मौत के मामले में लापरवाही के आरोपसहकर्मियों सहित नर्स के बेटे ने कहा- इस्तेमाल हुए PPE किट को फिर से पहनने के लिए दिया जाता था

दिल्ली के एक निजी अस्पताल में कार्यरत एक नर्स की कोरोना वायरस से संक्रमण की वजह से मौत के बाद उसके साथ करने वाले सहकर्मियों ने आरोप लगाया है कि अस्पताल की ओर से नर्सों को इस्तेमाल किये जा चुके पीपीई किट फिर से प्रयोग के लिए दिये जाते रहे हैं। साथ ही ग्लब्स और मास्क भी फिर से इस्तेमाल के लिए दिये जाते हैं।

दरअसल, रविवार को कालरा अस्पताल में काम करने वाली अंबिका पीके की मौत दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में हो गई थी। उसे वहां 21 मई को भर्ती कराया गया था। दिल्ली में कोविड-19 से मरने वाले वे पहली नर्स हैं।

इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार अखबार ने अस्पताल में काम करने वाले 10 नर्सिंग स्टाफ से पीपीई किट के इस्तेमाल को लेकर बात की। साथ ही अंबिका के बेटे से भी बात की गई। अखबार के अनुसार कालरा अस्पताल की एक सीनियर नर्स ने बताया, 'डॉक्टर को जहां नए पीपीई किट दिये जाते थे वहीं, नर्सों को इस्तेमाल किए जा चुके पीपीई किट पहनने को मिलते थे। हम जब इस पर विरोध जताते तो कहा जाता कि ये नामित कोविड-19 अस्पताल नहीं है, हम सबसे कम रिस्क पर हैं और इसलिए पीपीई किट का दोबारा प्रयोग कर सकते हैं।'

हालांकि, अस्पताल के मालिक डॉक्टर आर एन कालरा ने ऐसे आरोपों से इनकार किया और कहा कि पर्याप्त मात्रा में पीपीई किट और सैनेटाइजर सभी कर्मचारियों को उपलब्ध कराये जाते रहे हैं। कालरा ने कहा, 'मुझे आज तक एक भी शिकायत नहीं मिली। अगल एक भी लापरवाही हुई है तो मैं जांच करूंगा और कड़े कदम लूंगा।' रिपोर्ट के अनुसार अस्पताल में नर्स इंचार्ज एस विल्सन और अनिता सोनी ने भी ऐसे आरोपों से इनकार किया। सोनी ने कहा, 'पीपीई, ग्लव्स और सैनेटाइजर पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं।' 

दूसरी ओर अंबिक की करीबी एक सीनियर नर्स ने आरोप लगाया कि करीब एक हफ्ते पहले कालरा अस्पताल में अपने काम के आखिरी दिन अंबिका की नर्स इंचार्ज से पीपीई किट और मास्क को लेकर बहस हुई थी। अंबिका के साथ आईसीयू में काम करने वाली एक और नर्स ने इस बात की पुष्टि की।

अंबिका की दोस्त और सहकर्मी ने बताया कि वह 18 मई तक काम कर रही थी। उसने मॉर्निंग शिफ्ट की और रात की शिफ्ट करने से मना कर दिया क्योंकि उसकी तबियत खराब हो रही थी। नर्स ने बताया, रात में उसे बुखार आया, शरीर में दर्द था और गला भी खराब हो रहा था। इसलिए हमने उसे आराम करने की सलाह दी। 19 मई को भी वह बीमार थी और फिर 21 मई को उसे सांस लेने में तकलीफ होने लगी। इसके बाद उसे सफदरजंग अस्पताल ले जाया गया।

अंबिका की मौत 24 मई को हुई। अंबिका दिल्ली में अपनी 16 साल की बेटी के साथ रहती है। पति मलेशिया में जबकि बेटा केरल में रहता है। अंबिका कालरा अस्पताल में पिछले करीब 10 सालों से काम कर रही थी।

मां की मौत की खबर मिलने के बाद सोमवार शाम केरल से दिल्ली पहुंचे अंबिका के बेटे ने बताया, 'मेरी मां की तबीयत इतनी तेजी से बिगड़ी कि मैं कुछ समझ ही नहीं सका। एक हफ्ते पहले उन्होंने बताया था कि अस्पताल उन्हें पीपीई किट को फिर से इस्तेमाल करा रहा था कि मास्क के लिए पैसे चार्च किए जा रहे थे। मैं इससे नाराज था और उसे घर पर रहने को कह कह रहा था लेकिन उन्होंने मेरी नहीं सुनी। उन्होंने काम करना जारी रखा और अब वे नहीं हैं।'

Web Title: Coronavirus Delhi Nurse death Colleagues say they had to wear used PPE, mask and gloves

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