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Coronavirus: बंगाल सरकार ने ‘रेड जोन’ के त्रुटिपूर्ण आकलन को लेकर केंद्र को लिखा पत्र, टीएमसी और बीजेपी के बीच छिड़ा विवाद

By भाषा | Updated: May 2, 2020 05:38 IST

पश्चिम बंगाल सरकार ने शुक्रवार को केंद्र को पत्र लिख कर जोर देते हुए कहा कि राज्य में 10 नहीं, बल्कि चार ही जिले ‘रेड जोन’ हैं। इसको लेकर अब भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के बीच ताजा वाकयुद्ध छिड़ गया।

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ठळक मुद्देपश्चिम बंगाल सरकार ने शुक्रवार को केंद्र को पत्र लिख कर जोर देते हुए कहा कि राज्य में 10 नहीं, बल्कि चार ही जिले ‘रेड जोन’ हैं। इसको लेकर अब भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के बीच ताजा वाकयुद्ध छिड़ गया।

पश्चिम बंगाल सरकार ने शुक्रवार को केंद्र को पत्र लिख कर जोर देते हुए कहा कि राज्य में 10 नहीं, बल्कि चार ही जिले ‘रेड जोन’ हैं। इसको लेकर अब भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के बीच ताजा वाकयुद्ध छिड़ गया। दरअसल, राज्यों के प्रतिनिधियों के साथ कैबिनेट सचिव की वीडियो कांफ्रेंस के दौरान प्रस्तुत की गई सूची में राज्य में 10 ‘रेड जोन’ होने का केंद्र सरकार ने जिक्र किया था।

स्वास्थ्य विभाग में प्रधान सचिव विवेक कुमार ने केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय को लिखे अपने पत्र में इस सूची को ‘‘एक त्रुटिपूर्ण आकलन’’ करार दिया है। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार ने केंद्र द्वारा निर्धारित मानदंडों को ध्यान में रखते हुए चार ‘रेड जोन’ --कोलकाता, हावड़ा, उत्तर 24 परगना और पूर्वी मिदनापुर--घोषित किया है। कुमार ने पत्र में ‘‘रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन’ वाले राज्य के जिलों और इलाकों का सही वर्गीकरण’’ भी संलग्न किया है।

उन्होंने कहा कि बंगाल में अभी आठ जिले ‘ग्रीन जोन’ में हैं जबकि 11 जिले ‘ऑरेंज जोन’ में हैं। मंत्रालय के मुताबिक बंगाल के 10 जिले--कोलकाता, हावड़ा, उत्तर 24 परगना, दक्षिण 24 परगना, पश्चिमी मिदनापुर, पूर्वी मिदनापुर, दार्जीलिंग, जलपाईगुड़ी, कलीमपोंग और मालदा-- ‘रेड जोन’ में हैं। इस वर्गीकरण की घोषणा कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में 30 अप्रैल को मुख्य सचिवों और स्वास्थ्य सचिवों के साथ हुई एक वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान की गई थी।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की सूची पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, तृणमूल नेतृत्व ने कहा कि यह राज्य सरकार को बदनाम करने की कोशिश है। वरिष्ठ टीएमसी नेता और राज्यसभा सांसद सांतनु सेन ने कहा, ‘‘भाजपा की अगुवाई वाली केंद्र सरकार का एकमात्र उद्देश्य बंगाल को बदनाम करना है और महामारी से निपटने के लिए उसके प्रयास में बाधा पहुंचाना है। केंद्र, राज्य सरकार की सहमति लिए बिना, 10 जिलों को कैसे हॉटस्पॉट घोषित कर सकता है? यह और कुछ नहीं बल्कि संघीय ढांचे का उल्लंघन है।’’

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय सचिव राहुल सिन्हा ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि कोविड-19 स्थिति पर बंगाल सरकार का झूठ हर दिन उजागर हो रहा है। उन्होंने कहा, राज्य सरकार, बहुत शुरुआत से, कोविड-19 स्थिति के बारे में झूठ बोल रही है। आंकड़ों को छिपाने के इस रवैये ने बंगाल को गंभीर चरण में पहुंचा दिया है। अगर राज्य सरकार शुरू से ही महामारी से निपटने के लिए गंभीर होती, तो अभी बहुत बेहतर होतां’’ उल्लेखनीय है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोविड-19 के मामलों, संक्रमण के मामले दोगुना होने की दर, जांच का दायरा और निगरानी से जुड़े विवरण के आधार पर देश में 130 जिलों को ‘रेड जोन’ में, 284 ‘ऑरेंज जोन’ में और 319 ‘ग्रीन जोन’ में रखा है।

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