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Coronavirus: दिल्ली में कोरोना वायरस से मौत के आंकड़ों पर घिरी आप सरकार

By भाषा | Updated: May 9, 2020 23:07 IST

दिल्ली में कोरोना वायरस से मौत के आंकड़ों को लेकर भ्रम की स्थिति है क्योंकि सरकार ने मृतकों की संख्या जहां 68 बताई है, वहीं चार अस्पतालों से मिले आंकड़ों के अनुसार मृतकों की संख्या 92 है। इस बीच एक अधिकारी ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग ने कोविड-19 के मामलों पर दैनिक बुलेटिन के लिए 24 घंटे के समय चक्र को आईसीएमआर के साथ मिला दिया है।

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ठळक मुद्देदिल्ली में कोरोना वायरस से मौत के मामलों के दिल्ली सरकार द्वारा जारी आंकड़ों और अस्पतालों द्वारा बताई संख्या में अंतर पर भ्रम की स्थिति बन गयी है।इस मामले में आलोचना से घिरी आप सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने शनिवार को कहा कि कुछ भी छिपाने की कोई वजह नहीं है और राष्ट्रीय राजधानी में एक भी मामला ऐसा नहीं होगा जिसे आंकड़ों में शामिल नहीं किया जाए।

दिल्ली में कोरोना वायरस से मौत के मामलों के दिल्ली सरकार द्वारा जारी आंकड़ों और अस्पतालों द्वारा बताई संख्या में अंतर पर भ्रम की स्थिति बन गयी है। इस मामले में आलोचना से घिरी आप सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने शनिवार को कहा कि कुछ भी छिपाने की कोई वजह नहीं है और राष्ट्रीय राजधानी में एक भी मामला ऐसा नहीं होगा जिसे आंकड़ों में शामिल नहीं किया जाए। जैन ने कहा कि अस्पतालों ने रोगियों के मरने की विस्तृत रिपोर्ट नहीं भेजी हैं जिनमें मौत के कारण, नाम, आयु और अन्य जानकारी होती है और जिनके आधार पर कोविड-19 के स्वास्थ्य बुलेटिन को अपडेट किया जाता है।

उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग ने अस्पतालों से मृत्यु रिपोर्ट जल्द से जल्द भेजने को कहा है ताकि आंकड़ों को जल्द ही बुलेटिन में शामिल किया जा सके। दिल्ली में कोरोना वायरस से मौत के आंकड़ों को लेकर भ्रम की स्थिति है क्योंकि सरकार ने मृतकों की संख्या जहां 68 बताई है, वहीं चार अस्पतालों से मिले आंकड़ों के अनुसार मृतकों की संख्या 92 है। इस बीच एक अधिकारी ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग ने कोविड-19 के मामलों पर दैनिक बुलेटिन के लिए 24 घंटे के समय चक्र को आईसीएमआर के साथ मिला दिया है।

इससे पहले स्वास्थ्य विभाग रोजाना शाम चार बजे से शुरू हुई 24 घंटे की अवधि को मानता था। अब यह आधी रात 12 बजे से शुरू होगा। इस पूरे मामले पर आम आदमी पार्टी सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कांग्रेस नेता अजय माकन ने उसे कोरोना वायरस के मामलों की संख्या बताने में अधिक पारदर्शिता बरतने को कहा। उन्होंने कहा कि यह शर्म की बात है कि राष्ट्रीय राजधानी में महामारी से निपटने के मामले में स्थिति खराब है। इस संबंध में चिंता जताते हुए दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि मुख्यमंत्री को स्थिति के बारे में स्पष्टीकरण देना चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘कोरोना वायरस से मौत के मामलों की संख्या पूरी नहीं बताना चिंता की बात है। यह अत्यंत शर्मनाक है कि दिल्ली सरकार अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए कोविड-19 से मृत्यु के आंकड़ों को छिपा रही है। यह राजनीति करने का समय नहीं है।’’ हालांकि, स्वास्थ्य मंत्री जैन ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘कुछ भी छिपाने की कोई वजह नहीं है। हमने अस्पतालों से मृत्यु रिपोर्ट जल्द से जल्द भेजने को कहा है। मैं आपको गारंटी देता हूं कि कोई भी मामला आंकड़ों से बाहर नहीं रहेगा।’’

दिल्ली सरकार ने अपने स्वास्थ्य बुलेटिन में शुक्रवार को कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या 68 बताई। उसकी यह संख्या एम्स, सफदरजंग, राम मनोहर लोहिया और लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज सहित 10 अस्पतालों से एकत्रित किए गए डेटा पर आधारित है। बुलेटिन के अनुसार शुक्रवार तक एम्स (दिल्ली और झज्जर) में कोरोना वायरस से दो लोगों की मौत हुई है, सफदरजंग अस्पताल में चार और राम मनोहर लोहिया अस्पताल में 26 लोगों की मौत हुई है, जबकि लेडी हार्डिंग कॉलेज में कोई मौत नहीं हुई है।

हालांकि, इन अस्पतालों के अधिकारियों का कहना है कि दिल्ली सरकार के बुलेटिन में बताई गई मृतकों की संख्या की तुलना में राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या ज्यादा है। इस संबंध में एक अधिकारी ने बताया कि एम्स (दिल्ली ट्रॉमा सेंटर और झज्जर) में कुल 14 लोगों की मौत के मामले सामने आए हैं।

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. डी के शर्मा के अनुसार आंकड़ों में भिन्नता इसलिए हो सकती है क्योंकि सरकार केवल ट्रॉमा सेंटर में होने वाली मौतों की ही गिनती कर रही है जिसे विशेष कोविड-19 अस्पताल में तब्दील कर दिया गया है और उसने झज्जर एम्स में हुई मौतों का संज्ञान नहीं लिया है। सफदरजंग अस्पताल में कोविड-19 से 23 लोगों की मौत हुई है। इस अस्पताल के एक वरिष्ठ डॉक्टर ने नाम उजागर न करने की शर्त पर कहा, ‘‘वे (हमसे) डेटा मांग रहे हैं। हमने उनसे कहा है कि हम नियमित रूप से सही और ताजा आंकड़े भेज रहे हैं। हमें कोई कारण दिखाई नहीं देता कि गलत आंकड़े क्यों दिखाए जा रहे हैं।’’

राम मनोहर लोहिया अस्पताल में कोरोना वायरस से 52 लोगों की मौत हुई है। इस अस्पताल की चिकित्सा अधीक्षक मीनाक्षी भारद्वाज ने कहा, ‘‘हम उन्हें (सरकार) नियमित तौर पर डेटा भेज रहे हैं और ठीक आंकड़े भेज रहे हैं। इन्हें सूची में शामिल करना उन पर (सरकार पर) निर्भर है। हमारी समझ में नहीं आ रहा कि वे गलत आंकड़े क्यों दिखा रहे हैं।’’ लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज के निदेशक डॉ. एन एन माथुर ने कहा कि अस्पताल ने सरकार को तीन लोगों की मौत की जानकारी दी है।

कोरोना वायरस से मौत के मामलों की संख्या में अंतर होने की बात शुक्रवार को सामने आने के बाद दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने शुक्रवार को कहा था, ‘‘यदि हमें आंकड़े छिपाने होते तो हम बृहस्पतिवार को एक दिन में सामने आए कोविड-19 के सर्वाधिक 448 मामलों की जानकारी जारी नहीं करते। हम कह सकते थे कि केवल 48 नए मामले सामने आए हैं, लेकिन हमने ऐसा नहीं किया। रिपोर्ट आने पर अस्पतालों को तुरंत सरकार को सूचना देनी होती है।’’ 

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