कोरोना फैलने के डर से अखबार की बिक्री में गिरावट, विक्रेता बोले- लोग हमें बिल्डिंग में नहीं घुसने दे रहे, जानें क्या न्यूजपेपर से फैल सकता है कोविड-19

By पल्लवी कुमारी | Published: March 26, 2020 09:12 AM2020-03-26T09:12:00+5:302020-03-26T09:12:00+5:30

भारत में कोरोना का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है। बुधवार को कोरोना संक्रमित लोगों का आंकड़ा 600 के पार चला गया।

Corona virus Impact on india newspaper distributor says sales down 80 per cent | कोरोना फैलने के डर से अखबार की बिक्री में गिरावट, विक्रेता बोले- लोग हमें बिल्डिंग में नहीं घुसने दे रहे, जानें क्या न्यूजपेपर से फैल सकता है कोविड-19

प्रतीकात्मक तस्वीर (newspaper vendor)

Highlightsप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने से रोकने के लिये तीन सप्ताह (21 दिनों) के लिए राष्ट्रव्यापी बंदी की घोषणा की हैदुनिया भर में कोरोना से मरने वालों की संख्या 21 हजार से ज्यादा हो गई है।

कोलकात:कोरोना वायरस की वजह से पूरे देश में अखबारों की बिक्री में भारी गिरावट आई है। देश के कई इलाकों में लोगों ने अखबार खरीदना बंद कर दिया है। लोगों को लग रहा है कि अखबार को छूने से कोरोना वायरस फैल सकता है। पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में भी कोरोना वायरस फैलने के डर से अखबारों की बिक्री कम हो गई है। एक विक्रेता ने कहा, "हमें लोग बिल्डिंग में ही घुसने नहीं दे रहे हैं। लोग कह रहे हैं कि आप जहां से आ रहे हैं वहां से भी वायरस आ सकता है,  इसलिए हम लोग कुछ दिनों के लिए अखबार बंद करना चाहते हैं।" वहीं कोलकाता के एक समाचार पत्र विक्रेता अमित गोस्वामी कहते हैं, "हमारी बिक्री में 80 प्रतिशत की कमी आई है।" 

जानिए क्या अखबार छूने से फैलता है कोरोना वायरस 

अगर आपको भी लगता है कि अखबार छूने से कोरोना वायरस फैल सकता है तो आप भ्रम में हैं। अखबारों के जरिए कोरोना वायरस नहीं फैलता है। WHO की गाइडलाइंस के मुताबिक, अखबार जैसी चीजें लेना सुरक्षित है। मॉर्डन प्रिंटिंग तकनीक पूरी तरह ऑटोमेटेड है। व्यावसायिक सामान के दूषित होने की संभावना कम है। इसमें हाथों का इस्तेमाल नहीं होता। अखबार बांटने वाली हॉकर सप्लाई चेन पूरी तरह सैनिटाइज्ड होती है। लेकिन अगर फिर भी आपको डर है तो घर में आए अखबारों को आप हाथ में सैनिटाइजर लगाकर ही पढ़ें या छूएं। 

कोरोना वायरस: लॉकडाउन से अर्थव्यवस्था को हो सकता है नौ लाख करोड़ रुपये का नुकसान

विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिये देश भर में की गयी बंदी (लॉकडाउन) से अर्थव्यवस्था को 120 अरब डॉलर (करीब नौ लाख करोड़ रुपये) का नुकसान हो सकता है। यह भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के चार प्रतिशत के बराबर है। उन्होंने राहत पैकेज की जरूरत पर जोर देते हुए बुधवार को आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान में भी कटौती की। उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक तीन अप्रैल को अगली द्वैमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक के निष्कर्षों की घोषणा करने वाला है। विश्लेषकों का अनुमान है कि रिजर्व बैंक नीतिगत दर में बड़ी कटौती करेगा। यह भी मानकर चलना चाहिये कि राजकोषीय घाटा का लक्ष्य अब पार हो जाना तय है।
 

Web Title: Corona virus Impact on india newspaper distributor says sales down 80 per cent

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