रांची: झारखंड में कोरोना वायरस का एक और पॉजिटिव मरीज मिलने के बाद हडकंप मच गया है. इसके बाद कोरोना पॉजिटिव मरीज के रिश्तेदार को होम क्वारंटाइन कर दिया गया है. इसके साथ ही सैंपल लेने की भी तैयारी चल रही है. सैंपल जांच के बाद पता चलेगा कि रिश्तेदार कोरोना पॉजिटिव है या नहीं? अब झारखंड में कोरोना वायरस के पॉजिटिव मरीजों की संख्या दो हो गई है. स्वास्थ्य सचिव डॉ नितिन मदन कुलकर्णी ने इसकी पुष्टि की है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार मरीज हजारीबाग के विष्णुगढ़ का रहने वाला है. वह पश्चिम बंगाल के आसनसोल से अपने एक साढू के साथ आसनसोल से पैदल ही विष्णुगढ के लिए चला था. ऐसे में यह संभावना जताई जा रही है कि पैदल चलने के क्रम में रास्ते में वह जितने भी व्यक्ति के संपर्क में आया होगा, उसमें भी कोरोना का खतरा हो सकता है. वह आसनसोल स्थित एक फैक्ट्री में काम करता था.
लॉकडाउन के बाद 29 मार्च को आसनसोल से अपने रिश्तेदार के साथ घर आया. दोनों बगोदर तक साथ आए थे. इसके बाद अपने-अपने घरों को निकल गए. घर लौटने के बाद वह व्यक्ति रामगढ जिले के गोला से सब्जी लाकर बडकीपुन्नन, ललपनिया सहित अन्य क्षेत्रों में घूम-घूम कर बेचता था.
इसी दौरान तबीयत बिगडने पर जांच की गई, वह कोरोना पॉजिटिव निकला है. इसके बाद बोकारो जिला प्रशासन ने बिष्णुगढ के कोरोना पॉजिटिव मजदूर के साढू को भी होम क्वारंटाइन कर दिया गया है. जबकि पुलिस प्रशासन संभावित व्यक्ति से मिले लोगों की पहचान करने में जुट गई है.
यहां बता दें कि इससे पहले रांची के हिंदपीढी के एक मस्जिद में ठहरी मलेशिया मूल की महिला में इसका संक्रमण पाया गया था. इस तरह झारखंड में अब तक कुल 529 लोगों की जांच हुई है. इनमें से जहां दो लोगों में कोरोना का संक्रमण पाया गया, जबकि 383 लोगों की रिपोर्ट नेगेटिव आई है. 145 लोगो की रिपोर्ट अभी नहीं आई थी.
वहीं, राज्य सरकार ने केंद्र से अविलंब 10 हजार जांच किट उपलब्ध कराने की मांग की है. राज्य के स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव डॉ नितिन मदन कुलकर्णी ने इसे लेकर इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) के महानिदेशक डॉ बलराम भार्गव को पत्र लिखा है. उन्होंने कहा है कि राज्य में कोरोना के एक मरीज मिलने के बाद जांच की गति बढानी जरूरी है.
उन्होंने कहा है कि ट्रैवल हिस्ट्री के आधार पर उच्च जोखिम वाले सभी लोगों की जांच की जाएगी. चाहे उनमें लक्षण मिला हो या नहीं. उन्होंने यह भी कहा है कि राज्य सरकार के पास जांच किट का स्टॉक काफी कम है. उनके अनुसार जो स्टॉक उपलब्ध है वह एक सप्ताह ही चल पाएगा. दरअसल, मलेशिया मूल की जिस महिला में कोरोना का संक्रमण मिला, उसमें इसका कोई लक्षण नहीं था. इसे देखते हुए राज्य सरकार ने अब मरीजों के संपर्क में आनेवाले सभी लोगों की जांच का निर्णय लिया है.