भारतीय सेना ने सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे पूर्वी लद्दाख के वीडियो को खारिज किया है. भारतीय सेना का कहना है "चीन सीमा से जुड़ा वीडियो सही नहीं है. इसे उत्तरी सीमाओं के हालात से जोड़ने की कोशिश दुर्भावनापूर्ण है. वर्तमान में, कोई हिंसा नहीं हो रही है.
सीमा प्रबंधन पर तय प्रोटोकॉल के हिसाब से सेना के कमांडर बातचीत के जरिए हल निकालने की कोशिश कर रहे हैं. राष्ट्रीय सुरक्षा को प्रभावित करने वाले वाले इस मुद्दे को सनसनीखेज बनाने की कोशिशों की कड़ी निंदा करते हैं."
बिना तारीख वाले वीडियो में पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग त्सो क्षेत्र में भारतीय और चीनी सैनिक कथित रूप से आपस में भिड़ते दिखाई दे रहे हैं. सेना ने मीडिया से आग्रह किया है कि इस वीडियो को प्रसारित न करे जिससे सीमाओं पर मौजूदा स्थिति के खराब होने की आशंका है.
क्या है विवादपूर्वी लद्दाख में पैंगोंग त्सो, गलवान घाटी, देमचोक और दौलत बेग ओल्डी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच तीन सप्ताह से अधिक समय से गतिरोध जारी है जिसे 2017 के डोकलाम गतिरोध के बाद सबसे बड़ी सैन्य तनातनी माना जा रहा है. स्थिति तब बिगड़ गई जग पैंगोंग त्सो क्षेत्र में पांच मई की शाम भारत और चीन के लगभग 250 सैनिकों के बीच हिंसक टकराव हुआ.
पैंगोंग त्सो के आसपास फिंगर क्षेत्र में भारत द्वारा एक महत्वपूर्ण सड़क बनाए जाने और गलवान घाटी में दारबुक-शयोक-दौलत बेग ओल्डी को जोड़ने वाली एक और महत्वपूर्ण सड़क के निर्माण पर चीन का कड़ा विरोध टकराव का कारण बना. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को कहा कि विवाद के समाधान के लिए चीन के साथ सैन्य और राजनयिक स्तर पर द्विपक्षीय वार्ता जारी है.