मोदी सरकार का दूसरा कार्यकाल शुरू होते ही उठी राम मंदिर निर्माण की मांग, स्वामी बोले- जल्द शुरू कराएं निर्माण

By नितिन अग्रवाल | Updated: June 3, 2019 07:39 IST2019-06-03T07:39:20+5:302019-06-03T07:39:20+5:30

राम मंदिर मामलाः स्वामी ने प्रधानमंत्री को भेजे पत्र में लिखा है कि पूर्व प्रधानमंत्री नरिसम्हा राव ने उस जमीन का राष्ट्रीयकरण कर दिया था, लिहाजा अनुच्छेद 300-ए के तहत सुप्रीम कोर्ट कोई सवाल नहीं उठा सकता है.

Construction of Ram mandir should be started soon says subramanian swamy | मोदी सरकार का दूसरा कार्यकाल शुरू होते ही उठी राम मंदिर निर्माण की मांग, स्वामी बोले- जल्द शुरू कराएं निर्माण

File Photo

Highlightsनरेंद्र मोदी सरकार का दूसरा कार्यकाल शुरू होते ही राम मंदिर निर्माण की मांग उठने लगी है. अपने चार पन्नों के पत्र में स्वामी ने लिखा कि राम मंदिर निर्माण का मुद्दा महत्वपूर्ण है.स्वामी ने सुझाव दिया है कि सरकार अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए राम मंदिर निर्माण के लिए विवादित और अविवादित दोनों भूखंडों का आवंटन करे.

नरेंद्र मोदी सरकार का दूसरा कार्यकाल शुरू होते ही राम मंदिर निर्माण की मांग उठने लगी है. पार्टी के वरिष्ठ नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर जल्द कदम उठाने की अपील की है. स्वामी का कहना है कि केंद्र सरकार को इसके लिए किसी से अनुमति लेने की जरूरत नहीं है. यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट भी इस पर कोई सवाल नहीं उठा सकता.

स्वामी ने प्रधानमंत्री को भेजे पत्र में लिखा है कि पूर्व प्रधानमंत्री नरिसम्हा राव ने उस जमीन का राष्ट्रीयकरण कर दिया था, लिहाजा अनुच्छेद 300-ए के तहत सुप्रीम कोर्ट कोई सवाल नहीं उठा सकता है. केवल मुआवजा तय कर सकता है. इसलिए अभी से निर्माण शुरू करने में सरकार के सामने कोई रु कावट नहीं है.

अपने चार पन्नों के पत्र में स्वामी ने लिखा कि राम मंदिर निर्माण का मुद्दा महत्वपूर्ण है. सरकार ने इसके लिए सुप्रीम कोर्ट से (67 एकड़ से ज्यादा) अविवादित जमीन लौटाने की मांग की है. उन्होंने कहा कि सॉलिसिटर जनरल की यह याचिका गलत है. सरकार को अपने कब्जे वाली जमीन को सुप्रीम कोर्ट से वापस मांगने की कोई जरूरत ही नहीं है.

उन्होने संविधान की धारा 300-ए और भूमि अधिग्रहण पर सुप्रीम कोर्ट के तमाम फैसलों के हवाले से लिखा कि केंद्र सरकार को सार्वजनिक हित में किसी की भी जमीन पर कब्जा करने का अधिकार है. सरकार अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करे स्वामी ने लिखा कि तत्कालीन सरकार ने 1993 में विवादित और अविवादित दोनों जमीनों पर कब्जा कर लिया था.

1994 में सर्वोच्च न्यायालय की संवैधानिक पीठ ने इसे वैध करार दिया. उसके बाद राम जन्मभूमि न्यास समिति के सिवाय सभी पक्षों ने सरकारी मुआवजे को स्वीकार किया. स्वामी ने सुझाव दिया है कि सरकार अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए राम मंदिर निर्माण के लिए विवादित और अविवादित दोनों भूखंडों का आवंटन करे.

Web Title: Construction of Ram mandir should be started soon says subramanian swamy

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