नई दिल्लीः कॉर्पोरेट घरानों को बैंकिंग क्षेत्र सौंपने के मोदी सरकार के प्रस्ताव को लेकर कांग्रेस ने सरकार को आगाह किया कि उसका यह कदम बैंकिंग के लिए घातक साबित होगा।
अतः वह ऐसे किसी प्रस्ताव को तत्काल वापस ले। पार्टी ने सभी राजनीतिक दलों, जमा कर्ताओं, यूनियनों का भी आह्वान किया कि वे इस प्रस्ताव के विरोध में अपनी आवाज़ उठाए। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी ने ट्वीट किया " बड़ी कंपनियों के लिये पहले क़र्ज़ माफी, दूसरा बड़ी मात्रा में इनको क़र्ज़ कटौती और अब लोगों की बचत को उन बैंकों को जो इन कॉर्पोरेट द्वारा स्थापित की जायेंगे।"
उल्लेखनीय है कि मोदी सरकार कॉर्पोरेट घरानों को बैंकिंग उद्द्योग सौंपने के प्रस्ताव पर तेज़ी से आगे बढ़ रही है। रिज़र्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघु राम राजन ने भी सरकार के इस कदम को घातक बताया है। इसी कड़ी में पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने भी सरकार के कदम की कड़ी आलोचना करते हुये कहा कि यह प्रधानमंत्री मोदी की एक गहरी चाल है जिससे बैंकिंग क्षेत्र पर कब्ज़ा किया जा सके।
व्यापारिक घरानों के कब्ज़े से इस क्षेत्र को मुक्त कराने में लंबा समय लगा लेकिन मोदी सरकार इसे फ़िर से उन्ही घरानों को सौंपने जा रही है। चिदंबरम 3 महत्वपूर्ण सवाल उठाते हुये कहा कि आज जमाकर्ताओं का लगभग 140 लाख करोड़ बैंकों में जमा है, यह पूंजीपति छोटी से रकम का निवेश कर लोगों की जमा पूंजी का इस्तेमाल करेंगे, नतीज़ा 140 लाख करोड़ की रकम उनके कब्ज़े में होगी।