एरिक गार्सेटी की मणिपुर हिंसा संबंधी टिप्पणी पर बोले मनीष तिवारी- अमेरिका से कभी नहीं कहा कि हमसे सीखो
By मनाली रस्तोगी | Published: July 7, 2023 02:39 PM2023-07-07T14:39:08+5:302023-07-07T14:40:04+5:30
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा, "जहां तक अमेरिकी राजदूत की बात है तो देश के सामने कई चुनौतियां हैं लेकिन भारत ने अपने आंतरिक मामलों में कभी भी किसी के बयान की सराहना नहीं की है।"
नई दिल्ली: कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने शुक्रवार को मणिपुर में चल रहे जातीय संघर्ष पर अपनी टिप्पणियों के लिए भारत में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी की आलोचना की। तिवारी ने कहा, "जहां तक अमेरिकी राजदूत की बात है तो देश के सामने कई चुनौतियां हैं लेकिन भारत ने अपने आंतरिक मामलों में कभी भी किसी के बयान की सराहना नहीं की है।"
अमेरिका में बंदूक हिंसा के बड़े पैमाने पर मुद्दे का जिक्र करते हुए कांग्रेस सांसद ने कहा, "हमने अमेरिका से कभी नहीं कहा कि वह हमसे सीखे कि इस पर कैसे लगाम लगाई जाए। अमेरिका को नस्लवाद को लेकर दंगों का सामना करना पड़ता है। हमने उनसे कभी नहीं कहा कि हम उन्हें व्याख्यान देंगे। शायद नए राजदूत के लिए भारत-अमेरिका संबंधों के इतिहास का संज्ञान लेना जरूरी है।"
#WATCH | Congress MP Manish Tewari says, "What is happening in Manipur is tragic. PM should have gone there and spoken up much earlier. HM should have visited the state continuously until normalcy returns there...We will raise this issue in the Parliament. As far as the US… https://t.co/n66U6xVyZ8pic.twitter.com/8UBl6Z1XbQ
— ANI (@ANI) July 7, 2023
गुरुवार को गार्सेटी ने मणिपुर में जातीय हिंसा के बारे में बात की, जिसमें पूर्वोत्तर राज्य में सौ से अधिक लोग मारे गए हैं। अमेरिकी राजनयिक ने कहा कि यह मुद्दा रणनीतिक से ज्यादा मानवीय चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि जब इस तरह की हिंसा में बच्चे या व्यक्ति मरते हैं तो चिंता करने के लिए किसी को भारतीय होने की जरूरत नहीं है।
उन्होंने कहा कि यदि कहा जाए तो अमेरिका शांति प्रयासों में सहायता करने के लिए तैयार है और उन्होंने कहा कि यदि क्षेत्र में शांति बनी रहती है तो मणिपुर में और अधिक निवेश लाया जा सकता है। वहीं, तिवारी ने मणिपुर में संकट से निपटने के सरकार के तरीके की भी आलोचना की और कहा कि इस मुद्दे को संसद में उठाया जाएगा।
उन्होंने कहा, "मणिपुर में जो हो रहा है वह दुखद है। प्रधानमंत्री को बहुत पहले ही वहां जाकर बोलना चाहिए था। गृह मंत्री को वहां हालात सामान्य होने तक लगातार राज्य का दौरा करना चाहिए था...हम इस मुद्दे को संसद में उठाएंगे।"