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मध्य प्रदेश: अध्यक्ष पद को लेकर कलह जारी, सिंधिया ने कमलनाथ सरकार को दे डाली ये चेतावनी!

By स्वाति सिंह | Updated: September 4, 2019 08:52 IST

पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कमलनाथ सरकार को चेतावनी भी दी कि अगर अवैध खनन नहीं रुका तो वह आगे आने को मजबूर होंगे। बता दें कि फिलहाल मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है।

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ठळक मुद्देमंगलवार को सिंधिया दो दिवसीय प्रवास पर ग्वालियर पहुंचे। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने रेत के अवैध खनन पर अपनी ही सरकार को आड़े हाथ लिया है।

पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया ने रेत के अवैध खनन पर अपनी ही सरकार को आड़े हाथ लिया है। साथ ही उन्होंने इससे जुड़े लोगों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।

बता दें कि मंगलवार को सिंधिया दो दिवसीय प्रवास पर ग्वालियर पहुंचे। यहां जब उनसे रेत के अवैध खनन के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा 'अवैध खनन से बेहद दुखी हूं। यह हमारा चुनावी मुद्दा था, इसे रोका जाना चाहिए। वर्तमान सरकार के समय में भी अगर अवैध खनन हो रहा है तो ये बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। इसे जल्द रोका जाना चाहिए।'

सिंधिया ने आगे कहा विधानसभा चुनाव के दौरान वर्तमान सरकार ने इसका खुलकर विरोध किया था। ऐसे में अब इसे रोका जाना चाहिए और इससे जुड़े लोगों पर सख्त कार्यवाई होनी चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने कमलनाथ सरकार को चेतावनी भी दी कि अगर अवैध खनन नहीं रुका तो वह आगे आने को मजबूर होंगे। बता दें कि फिलहाल मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है।  

कांग्रेस की मध्य प्रदेश इकाई से अध्यक्ष पद से कमलनाथ के इस्तीफे के बाद पद खाली है, जो पार्टी की आतंरिक कलह का बड़ा कारण बना हुआ है। 

सूत्र बताते हैं कि कमलनाथ ने प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए कुछ नामों का सुझाव पार्टी अध्यक्ष को दिया है क्योंकि वे नहीं चाहते कि राज्य प्रदेश इकाई की कमान ज्योतिरादित्य को सौंपी जाए। 

इधर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने राहुल गांधी और गांधी परिवार से अपनी नजदीकी का लाभ उठाते हुए आलाकमान पर अध्यक्ष पद के लिए दबाव की राजनीति तेज कर दी है। पार्टी सूत्रों का कहना था कि सिंधिया के इशारे पर उनके समर्थक नेताओं ने नेतृत्व को धमकी दी है कि सिंधिया को अगर प्रदेश अध्यक्ष नहीं बनाया गया तो वे पार्टी छोड़ देंगे। 

पहले से ही बुरे दौर से गुजर रही कांग्रेस का नेतृत्व नहीं चाहता कि इस मोड़ पर ऐसा कुछ हो जिससे पार्टी को नुकसान पहुंचता हो। गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव में हार के बाद पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ ज्योतिरादित्य ने भी अपने पद से त्यागपत्र दे दिया था और उसी के बाद से मध्यप्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर अपनी दावेदारी ठोंक दी थी।

लोकसभा चुनाव के दौरान सिंधिया पश्चिमी उत्तरप्रदेश के प्रभारी थे। 15 वर्षों के बाद मध्यप्रदेश में सत्ता में आई कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष बनने के लिए ज्योतिरादित्य के अलावा दिग्विजय सिंह, बाला बच्चन, उमंग सेंगर, शोभा ओझा, अर्जुन सिंह के बेटे अजय सिंह के नाम चर्चा में हैं। पार्टी सूत्रों का दावा था कि हरियाणा और मध्यप्रदेश में नए अध्यक्ष की नियुक्ति अगले 15 दिन में की जा सकती है 

टॅग्स :ज्योतिरादित्य माधवराव सिंधियाकमलनाथमध्य प्रदेशकांग्रेस
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