टोंकः कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने भाजपा पर हमला बोला। पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 से पहले दौरा कर रहे हैं। हाल ही में पांच दिवसीय ‘जनसंघर्ष यात्रा’ को समाप्त किया और युवाओं से लगातार संवाद कर रहे हैं।
सचिन पायलट ने टोंक में कहा कि राजस्थान में भाजपा का नेतृत्व सक्षम नहीं है। पिछले साढ़े 4 साल में बीजेपी ने सदन में और सदन के बाहर ये प्रमाण नहीं दिया कि वो मजबूत विपक्ष है। उनके पास विधायकों की संख्या ठीक है फिर भी वो सभी मुद्दों पर फेल हुए हैं। जनता बीजेपी से उम्मीद खो चुकी है।
कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने कहा कि मैंने अपने राजनीतिक जीवन में चाहे मैं किसी पद पर हूं या न हूं प्रदेश के नौजवानों के बात को रखने में कमी नहीं रखी। आप मुझे हमेशा अपना समर्थन देते हैं और मैं भी आपके लिए हमेशा खड़ा हूं। किसी को गलतफहमी पालनी नहीं चाहिए आपका और मेरा नाता अटूट है इसे कोई नहीं तोड़ नहीं।
हाल ही में कांग्रेस ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के साथ पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे एवं पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की मैराथन बैठक के बाद सोमवार को कहा था कि दोनों नेता आगामी विधानसभा चुनाव एकजुट होकर लड़ने पर सहमत हैं तथा उनके बीच के मुद्दों का समाधान आलाकमान करेगा।
हाल ही में ‘जनसंघर्ष यात्रा’ निकालने वाले पायलट ने मई के अंत तक उनकी मांगें नहीं मानने पर आंदोलन शुरू करने की चेतावनी दी है। जयपुर में अपनी पांच दिवसीय ‘जनसंघर्ष यात्रा’ का समापन करते हुए उन्होंने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर गहलोत सरकार पर निशाना साधा था।
पायलट ने हाल में तीन मांगें रखी थीं, जिनमें राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) को भंग करना और इसका पुनर्गठन, सरकारी परीक्षा के पेपर लीक होने से प्रभावित युवाओं को मुआवजा देना और वसुंधरा राजे नीत पिछली सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की उच्चस्तरीय जांच कराना शामिल है।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट का बिना नाम लिए उन पर हमला करते हुए कहा था कि पेपर लीक से प्रभावित उम्मीदवारों को मुआवजे देने की उनकी मांग ‘‘ बुद्धि का दिवालियापन ’'को दर्शाती है।
गहलोत ने यह भी कहा कि विपक्ष ने पेपर लीक के बारे में बात करना शुरू कर दिया है क्योंकि उसके पास राजस्थान में कांग्रेस सरकार को निशाना बनाने के लिए कोई मुद्दा नहीं है। मुख्यमंत्री ने बृहस्पतिवार शाम को सिंधी कैंप में नवनिर्मित अत्याधुनिक बस टर्मिनल का उद्घाटन करने के बाद अपने संबोधन के दौरान कहा, ‘‘पेपर आउट कहां नहीं हो रहे हैं? कानून हमने बनाया है।
हम पेपर आउट करने वालों को जेल भेज रहे हैं। हमने 200 लोगों को जेल भेज दिया। ऐसे लोगों को किस राज्य ने जेल भेजा है?’’ उन्होंने कहा कि विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं है इसलिए वे पेपर आउट की बात करेंगे और कहेंगे कि जो 26 लाख लोग बैठे उन्हें मुआवजा मिलना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘इसे आप क्या कहेंगे? इसे बुद्धि का दिवालियापन नहीं कहेंगे? ’’