शिमला: हिमाचल प्रदेश ने बीते महीनों मॉनसून के दौरान जलप्रलय देखा। भारी बारिश और बाढ़ ने राज्य को बुरी तरह प्रभावित किया और हजारों करोड़ का नुकसान हुआ। राज्य में कई सड़कें बह गईं और रेलवे लाइनों समेत बड़े भवन पानी में समा गए। लेकिन इस भयंकर तबाही की वजह के बारे में आईआईटी मंडी के निदेशक लक्ष्मीधर बेहरा ने एक ऐसा बयान दिया है जिसकी सोशल मीडिया पर खूब आलोचना हो रही है।
आईआईटी मंडी के निदेशक लक्ष्मीधर बेहरा ने छात्रों से मांस न खाने का संकल्प लेने को कहा और यह दावा किया कि हिमाचल प्रदेश में भूस्खलन और बादल फटने की घटनाएं जानवरों के प्रति क्रूरता के कारण हो रही हैं। लक्ष्मीधर बेहरा के बयान का वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
उन्होंने दावा किया, "जानवरों को काटना बंद करें। आप वहां जानवरों को काट रहे हैं...निर्दोष जानवरों को। इसका पर्यावरण के क्षरण के साथ भी सहजीवी संबंध है। जो आप अभी देख नहीं सकता लेकिन है। अगर हमने ऐसा किया तो हिमाचल प्रदेश का भारी पतन हो जाएगा। बार-बार भूस्खलन, बादल फटना और कई अन्य चीजें हो रही हैं, ये सभी जानवरों पर क्रूरता का प्रभाव है। "
उन्होंने छात्रों से "नो मीट ईटिंग" नारा लगाने को कहा। साथ ही छात्रों से पूछा कि अच्छे इंसान बनने के लिए, आपको क्या करना होगा? मांस खाना नहीं! हां या नहीं?
आईआईटी मंडी के निदेशक लक्ष्मीधर बेहरा के बयान का वीडियो वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाओं की बाढ़ भी आनी शुरू हो गई। कांग्रेस नेता जयराम नरेश ने एक्स पर लिखा कि वे निदेशक पद पर बने रहने के लायक नहीं हैं। वो इस पद पर जितना अधिक समय तक रहेंगे, उतना ही ज्यादा वैज्ञानिक नजरिए को नुकसान पहुंचेगा।
बता दें कि मानसून की शुरुआत के बाद से पहाड़ी राज्य में बारिश से संबंधित घटनाओं में लगभग 250 लोगों की मौत हो गई है। अकेले लोक निर्माण विभाग को 2,913 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। इसके अलावा पर्यटन उद्योग को भी भारी नुकसान हुआ है।