कांग्रेस ने राष्ट्रपति चुनाव में शिवसेना द्वारा द्रौपदी मुर्मू को समर्थन दिये जाने पर जताया अफसोस, कहा- 'शिवसेना के फैसले से निराशा हुई'

By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: July 12, 2022 23:21 IST2022-07-12T23:14:48+5:302022-07-12T23:21:46+5:30

शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा है कि शिवसेना राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू को बिना किसी दबाव के समर्थन करेगी।

Congress expressed regret over Shiv Sena's support to Draupadi Murmu in Presidential election, said- 'Disappointed by Shiv Sena's decision' | कांग्रेस ने राष्ट्रपति चुनाव में शिवसेना द्वारा द्रौपदी मुर्मू को समर्थन दिये जाने पर जताया अफसोस, कहा- 'शिवसेना के फैसले से निराशा हुई'

कांग्रेस ने राष्ट्रपति चुनाव में शिवसेना द्वारा द्रौपदी मुर्मू को समर्थन दिये जाने पर जताया अफसोस, कहा- 'शिवसेना के फैसले से निराशा हुई'

Highlightsशिवसेना के राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू के समर्थन को कांग्रेस ने बताया निराशाजनकशिवसेना के इस कदम से महाराष्ट्र समेत देश में यशवंत सिन्हा के पक्ष में लामबंद विपक्ष को तगड़ा झटका लगाठाकरे के समर्थन के ऐलान से मुर्मू को समर्थन देने वाले दलों का वोट शेयर 60 फीसदी हो गया है

मुंबई: राष्ट्रपति चुनाव में मुख्य विपक्षी दल और महाराष्ट्र में एनसीपी और शिवसेना के साथ महाविकास अघाड़ी गठबंधन बनाने वाली कांग्रेस ने मंगलवार को शिवसेना द्वारा एनडीए प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने के फैसले के दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है। 

शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा है कि शिवसेना एनडीए प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू को बिना किसी दबाव के समर्थन करेगी। ठाकरे ने शिवसेना के फैसले को सही बताते हुए कहा कि यह पहला अवसर है जब किसी आदिवासी महिला को देश की राष्ट्रपति बनने का अवसर मिल रहा है।

शिवसेना द्वारा द्रौपदी मुर्मू को समर्थन दिये जाने के बाद महाराष्ट्र कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बालासाहेब थोराट ने कहा, "शिवसेना महाविकास अघाड़ी का हिस्सा है, लेकिन उसने मुर्मू को समर्थन के ऐलान से पहले गठबंधन से चर्चा भी नहीं की। यह समझ से परे है कि शिवसेना भाजपा समर्थित द्रौपदी मुर्मू का समर्थन क्यों कर रही है जब उसी भाजपा ने गैर लोकतांत्रिक तरीके से उनकी सरकार को गिराने का काम किया है।"

हालांकि इस बयान के साथ बालासाहेब थोराट ने यह भी स्वीकार किया कि एक स्वतंत्र राजनैतिक दल होने के नाते शिवसेना को गठबंधन से अलग स्टैंड लेने का पूरा अधिकार है।

ठाकरे द्वारा द्रौपदी मुर्मू के समर्थन के विषय में थोराट ने आगे कहा, "राष्ट्रपति पद का चुनाव एक वैचारिक लड़ाई है। विपक्षी दलों का यह संघर्ष लोकतांत्रिक मूल्यों के संरक्षण और रक्षा के लिए जरूरी है। इसका महिला-पुरुष या आदिवासी-गैर आदिवासी से कोई लेना-देना नहीं है, जो भी दल संविधान के समर्थन में हैं, वे यशवंत सिन्हा के पीछे मजबूती से खड़े हैं।"

उद्धव ठाकरे द्वारा एनडीए प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू के समर्थन किये जाने से महाराष्ट्र समेत पूरे देश में यशवंत सिन्हा के पक्ष में लामबंद विपक्ष को तगड़ा झटका लगा है।

ठाकरे के समर्थन के ऐलान के साथ मुर्मू को समर्थन देने वाले दलों का वोट शेयर 60 फीसदी हो गया है और इसके यह तय हो गया है कि आगामी 18 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में मुर्मू की जीत तय है और यशवंत सिन्हा की लड़ाई सांकेतिक रहेगी। 

मालूम हो कि शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी वाली महा विकास अघाड़ी सरकार का नेतृत्व करने वाले उद्धव ठाकरे सरकार को शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे ने 29 जून को गिरा दिया था और आज के वक्त में वो भाजपा के सहयोग के शिवसेना के बागी गुट के साथ प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं।

Web Title: Congress expressed regret over Shiv Sena's support to Draupadi Murmu in Presidential election, said- 'Disappointed by Shiv Sena's decision'

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