हैदराबाद: नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर कारीगरों, शिल्पकारों तथा पारंपरिक कौशल से जुड़े लोगों के लिए 13,000 करोड़ रुपये की ‘पीएम विश्वकर्मा’ योजना का शुभारंभ किया। ‘पीएम विश्वकर्मा’ योजना से पारंपरिक कारीगरों तथा शिल्पकारों के 30 लाख परिवार लाभान्वित होंगे। इस योजना से पारंपरिक कारीगरों तथा शिल्पकारों के 30 लाख परिवार लाभान्वित होंगे।
लेकिन कांग्रेस को पीएम मोदी की ये पहल रास नहीं आई है। कांग्रेस ने केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई ‘पीएम विश्वकर्मा’ योजना को ‘चुनावी जुमला’ करार दिया है। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि मोदी चुनावों को देखते हुए ऐसे कदम उठा रहे हैं, लेकिन जातिगत जनगणना पर कुछ नहीं बोल रहे।
जयराम नरेश ने कहा, "जनता दोबारा बेवकूफ नहीं बनेगी और प्रधानमंत्री के रिटायरमेंट का समय आ गया है। वह जातिगत जनगणना के मुद्दे पर कुछ नहीं बोल रहे हैं। न ही वह अपने करीबी मित्र अडानी के मुंबई स्थित धारावी की एक अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था के पूर्ण और संपूर्ण अधिग्रहण पर ब्रेक लगाएंगे — यहां के लोग भारत के हर कोने से हैं। जनता दोबारा मूर्ख नहीं बनेगी।"
कांग्रेस महासचिव जयराम नरेश ने एक्स पर लिखा, "नोटबंदी, गलत जीएसटी और उसके बाद कोविड-19 के दौरान अचानक लगाया गया लॉकडाउन भारत में सूक्ष्म और लघु उद्यमों के लिए सबसे ज़्यादा विनाशकारी रहा है। इनमें से अधिकांश छोटे व्यवसाय उन लोगों द्वारा चलाए जाते हैं जो अपने हाथों से काम करते हैं। इनमें कपड़ा, चमड़ा, धातु, एवं लकड़ी आदि के काम शामिल हैं। मोदी सरकार की नीतियों से प्रभावित बहुत से लोगों ने ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दौरान राहुल गांधी से मुलाक़ात की थी। राहुल गांधी यात्रा के बाद भी उनसे जुड़े रहे हैं। वह उनकी पीड़ा और परेशानियों को लगातार सुन रहे हैं।"
जयराम नरेश ने आगे कहा, " प्रधानमंत्री ने उन सभी की आजीविका को तहस-नहस कर दिया है। उनको बर्बाद करने के बाद प्रधानमंत्री को काफ़ी देर के बाद उनकी नाराज़गी का पता चला है। उनके असंतोष को देखकर वह विश्वकर्मा योजना के रूप में एक और चुनावी जुमला पेश कर रहे हैं।"
बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर ‘पीएम विश्वकर्मा’ योजना की शुरुआत की। ‘पीएम विश्वकर्मा’ योजना का उद्देश्य न केवल देशभर के ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्रों के कारीगरों और शिल्पकारों को आर्थिक रूप से समर्थन देना है, बल्कि स्थानीय उत्पादों, कला और शिल्प के माध्यम से सदियों पुरानी परंपरा, संस्कृति तथा विविध विरासत को जीवित और समृद्ध रखना भी है।
इससे पहले उन्होंने इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन एंड एक्सपो सेंटर ‘यशोभूमि’ के पहले चरण को राष्ट्र को समर्पित किया और दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस लाइन पर द्वारका सेक्टर 21 से सेक्टर 25 तक के विस्तार का भी उद्घाटन किया।