कांग्रेस ने एमटेक दिवाला मामले में CBI जांच की मांग की, कर्ज देने वाली बैंकों को बताया घोटाले में शामिल
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: March 28, 2022 05:38 PM2022-03-28T17:38:35+5:302022-03-28T17:41:44+5:30
कांग्रेस की ओर से मामले में सीबीआई जांच की मांग करते हुए कहा गया कि "एमटेक कंपनियों के समूह ने भारतीय बैंकों से 21,000 करोड़ रुपये का ऋण लिया और फिर इसे 4,100 करोड़ रुपये में बिक्री के लिए रखा गया। बैंकों का पैसा कहां गया?
नई दिल्ली: कांग्रेस ने सरकार पर इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी बोर्ड ऑफ इंडिया के जरिए दिवालिया घोषित करने वाली कंपनियों के प्रमोटरों को पनाह देने का आरोप लगाया। रविवार को कांग्रेस की ओर से मामले में सीबीआई जांच की मांग करते हुए कहा गया कि "एमटेक कंपनियों के समूह ने भारतीय बैंकों से 21,000 करोड़ रुपये का ऋण लिया और फिर इसे 4,100 करोड़ रुपये में बिक्री के लिए रखा गया। बैंकों का पैसा कहां गया?
कांग्रेस ने कहा 25 हजार करोड़ का किया गया है घोटाला
संजय निरूपम ने कहा कि बीते 8 साल से देश में नई सरकार काम कर रही है। ये सरकार दावा तो करती है कि भ्रष्टाचार नहीं होने देंगे, लेकिन जमकर भ्रष्टाचार हो रहा है। एमटेक ग्रुप ऑफ कंपनीज कांग्रेस ने मामले में कहा गया 25 हजार करोड़ का घोटाला किया गया, लेकिन कंपनी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई।
कंपनी को कर्ज देने वाली बैंकों को बताया घोटाले में शामिल
कांग्रेस नेता संजय निरूपम ने कहा कि एमटेक ऑटो पार्ट बनाने वाली दिल्ली-चंडीगढ़ बेस कंपनी है। इस कंपनी का एक आउटलेट बरिस्ता कॉफी है। उन्होंने कहा कि एनसीएल और कर्ज देने वाली बैंक इस घोटाले में शामिल है।
कहा - अब बेची गई कंपनियों के साथ प्रमोटर बेखौफ घूम रहे हैं
वीडियोकॉन के आलोक इंडस्ट्रीज का उदाहरण देते हुए निरुपम ने कहा कि सरकार को ऐसे कारोबारियों से पूछना चाहिए कि उनका कारोबार कैसे चला गया, जबकि उन्होंने अपनी कंपनियों को नए सिरे से शुरू किया। कांग्रेस नेता ने कहा, "दरअसल, इन कंपनियों ने पैसा डायवर्ट किया है और अब बेची गई कंपनियों के साथ प्रमोटर बेखौफ घूम रहे हैं।"
कांग्रेस ने कहा, संस्थागत भ्रष्टाचार किया जा रहा है
वहीं कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि कंपनियों के दिवालियेपन के मामलों को सुलझाने के नाम पर संस्थागत भ्रष्टाचार किया जा रहा है। कांग्रेस ने इन दिवाला मामलों पर सरकार को श्वेत पत्र जारी की मांग की है। कांग्रेस ने कहा कि पिछले 5 वर्षों में 4,946 दिवाला मामले सामने आए हैं। इसमें 457 कंपनियों के केस सॉल्व किए गए हैं। इन 457 कंपनियों ने बैंकों से 8 लाख 30 हजार करोड़ कर्ज लिया था। इसमें 6 लाख करोड़ रुपये बैंकों के डूब गए।