दिल्ली: भाजपा के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना महाकाव्य रामायण के मुख्य खलनायक पात्र रावण से करते हुए आरोप लगाया है कि वो उसी की तरह दंभ में चूर होकर धार्मिक स्थलों को बर्बाद करने का इरादा रखते हैं लेकिन वो इसके खिलाफ आवाज उठाएंगे और कोर्ट के जरिये उन पर अंकुश लगाने का काम करेंगे।
किसी भी मोर्चे पर प्रधानमंत्री मोदी की तीखी आलोचना करने के लिए अक्सर चर्चा के केंद्र में रहने वाले भाजपा के पूर्व राज्यसभा सांसद स्वामी ने ट्वीट करते हुए कहा, “रावण जैसे मोदी धार्मिक होने का दावा करते हुए मंदिरों को तोड़ रहे हैं या उनपर कब्जा कर रहे हैं, जैसे कि वाराणसी में, उत्तराखंड में। हम देख रहे हैं कि अब वो फड़नवीस के साथ मिलकर पंढरपुर के पवित्र स्थलों को नष्ट करने की योजना बना रहे हैं। इसलिए इस ध्वंस को रोकने के लिए मैं जल्द ही मुंबई हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने जा रहा हूं।”
इस पूरे मामले अब देखना यह दिलचस्प होगा कि भारतीय जनता पार्टी सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा प्रधानमंत्री मोदी की तुलना रावण से करने को किस तरह से लेती है, क्योंकि हाल में संपन्न हुए गुजरात चुनाव में कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी चुनावी सभा में भाषण देते हुए पीएम मोदी की तुलना रावण से की थी, जिसके कारण भाजपा और कांग्रेस के बीच काफी तीखी नोंकझोंक हुई थी।
भाजपा ने कांग्रेस प्रमुख खड़गे के बयान को शर्मनाक बताते हुए उसे चुनावी मुद्दा बना दिया था और खड़गे के व्यंग्य को गुजराती अस्मीता से जोड़ते हुए जनता से कांग्रेस को हराने की अपील की थी। स्वयं प्रधानमंत्री मोदी ने भी अपनी चुनावी सभा में कहा कि कांग्रेस के लोग उन्हें गाली दे रहे हैं और कांग्रेस में गाली देने की परंपरा रही है।
वहीं रावण मुद्दे के इतर बात करें तो सुब्रमण्यम स्वामी ने बीते शुक्रवार को परोक्षतौर पर प्रधानमंत्री मोदी को लेकर ट्वीटर पर एक और सनसनीखेज दावा किया था। स्वामी ने ट्वीट करके कहा था कि मोदी सरकार प्लेस ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 को संसद के जरिये खत्म करने की तैयारी कर रही है, ताकि अयोध्या के बाद काशी और मथुरा में चल रहे धार्मिक स्थल विवाद को सुलझया जा सके और दोनों जगहों पर मंदिर बनने का मार्ग प्रशस्त हो सके।