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लॉकडाउन में छूट के बाद भी दफ्तरों में सन्नाटा, कोविड-19 को लेकर बने नियम और शर्तों से दुविधा में कंपनियां

By नितिन अग्रवाल | Updated: May 6, 2020 07:11 IST

भारत में कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने लिए लॉकडाउन 17 मई तक बढ़ाया गया है। हालांकि लॉकडाउन के तीसरे चरण (4 मई से 17 मई) में काफी छूट दी गई है।

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ठळक मुद्देहिंदुस्तान यूनीलीवर और आईटीसी ने भी अपने कमर्चारियों को घर से ही काम करने की हिदायत दी है. कंपनियां कर्मचारियों की सुरक्षा को लेकर किसी तरह का जोखिम नहीं उठाना चाहती है।

नई दिल्ली: लॉकडाउन के तीसरे चरण के साथ दफ्तरों में कुछ पाबंदियों के साथ कामकाज की छूट भले ही मिल गई है लेकिन इस छूट के बावजूद ज्यादातर दफ्तरों में ताला ही लटका हुआ है. लॉकडाउन से छूट का इंतजार कर रही कंपनियां सरकारी नियमों के पालन के साथ कामकाज शुरू करने को लेकर अभी भी दुविधा में हैं और कर्मचारियों की सुरक्षा को लेकर किसी तरह का जोखिम नहीं उठाना चाहती. लोकमत से बातचीत में दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद और गुड़गांव स्थिति कंपनियों के अहम अधिकारियों ने माना कि उनकी चिंता इस बात को लेकर भी है कि यदि एक भी कर्मचारी कोविड-19 से संक्रमित होता है तो उनके कारोबार पर इसका बेहद नकारात्मक असर होगा. सभी कर्मचारियों को क्वारेंटाइन करना पड़ेगा.

परिवहन की व्यवस्था करना बना मुसीबत

साहिबाबाद औद्योगिक क्षेत्र स्थित एक कंपनी के प्रबंधक ने बताया कि सार्वजनिक परिवहन शुरू नहीं हुआ है इसलिए कर्मचारियों को दफ्तर आने जाने के लिए टैक्सी या कैब उपलब्ध करानी होगी. इसपर काफी खर्च आएगा. माहौल भांपकर किया जाएगा फैसला आईटीसी, डेलॉयट, फाईजर, अमेजॉन, एलजी, सिटी ग्रुप जैसी दिग्गज कंपनियां भी अपना कामकाज शुरू करने को लेकर किसी तरह की जल्दबाजी में नहीं हैं. डेलॉयट के एक अधिकारी ने बताया कि जल्दबाजी करना ठीक नहीं होगा. एक गलती हमें फिर से वहीं खड़ा कर सकती है जहां हम कई महीने पहले थे. फिलहाल वर्कफ्रॉम होम ही बेहतर मेकेंजी एंड कंपनी ने भी लॉकडाउन 3.0 की समय सीमा 17 मई के बाद के लिए रणनीति बनाने का काम ही शुरू किया है.

कॉर्पोरेट ऑफिस में दस से पंद्रह प्रतिशत कर्मचारी ही जा रहे हैं दफ्तर

हालांकि अभी तक सभी कर्मचारियों को घर से ही काम करने को कहा गया है. हिंदुस्तान यूनीलीवर और आईटीसी ने भी अपने कमर्चारियों को घर से ही काम करने की हिदायत दी है. सिटी बैंक सहित कई निजी बैंक और टेलिकॉम कंपनियों के कॉर्पोरेट ऑफिस में दस से पंद्रह प्रतिशत कर्मचारी को ही दफ्तर बुलाया जा रहा है. श्रमिकों की कमी कारखानों के सामने श्रमिकों की कमी बड़ी चुनौती साबित हो रही है.

साहिबाबाद औद्योगिक क्षेत्र की एक फैक्ट्री के मालिक श्याम गुप्ता ने बताया कि लॉकडाउन में मिली छूट के बाद सोमवार और मंगलवार को फैक्ट्री में साफ-सफाई का काम कराया गया है. कारखाने में ज्यादातर श्रमिक पूर्वी उत्तरप्रदेश और बिहार लौट चुके हैं. अगर किसी तरह श्रमिक मिल भी जाएं तो भी एक तिहाई क्षमता के साथ प्लांट शुरू करना घाटे का सौदा ही साबित होगा.

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