कर्नल पार्वती जांगिड़: 100 असाधारण महिला चेंजमेकर में शामिल, तीसरी वैश्विक रैंक

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: March 17, 2025 13:33 IST2025-03-17T13:32:57+5:302025-03-17T13:33:39+5:30

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2025 के अवसर पर, हार्वर्ड 100 ने सुश्री पार्वती जांगिड़ को "दुनिया की सबसे असाधारण महिलाओं" में से एक के रूप में मान्यता दी है।

Colonel Parvati Jangid Included in 100 extraordinary women changemakers, third global rank | कर्नल पार्वती जांगिड़: 100 असाधारण महिला चेंजमेकर में शामिल, तीसरी वैश्विक रैंक

हार्वर्ड 100 सूची में शामिल होने वाली दुनिया की सबसे कम उम्र की महिला हैं।

Highlightsशक्ति, प्रभाव, पूंजी और समय का उपयोग कर रहे हैं।हार्वर्ड 100 सूची में शामिल होने वाली दुनिया की सबसे कम उम्र की महिला हैं।

नई दिल्लीः राष्ट्र के प्रति जीने–मरने के जज्बे ने कर्नल(मानद) पार्वती जांगिड़ को भारतवर्ष के अंतिम छोर बाड़मेर के सीमावर्ती गागरिया गाँव से उठाकर ससम्मान विश्व पटल पर खड़ा कर दिया। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में जारी की गई दुनिया की 100 असाधारण चेंजमेकर महिलाओं की सूची इस प्रतिष्ठित सूचि में भारत से पीवी सिंधु, साध्वी ऋतम्भरा, माता अमृतानंदमयी, पार्वती जांगिड़, पूर्णिमा देवी बर्मन, नीता अम्बानी, रौशनी नाडर मल्होत्रा, किरण मजूमदार, सुधा मूर्ति, डॉ अंजलि अग्रवाल को मिली जगह अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2025 के अवसर पर, हार्वर्ड 100 ने सुश्री पार्वती जांगिड़ को "दुनिया की सबसे असाधारण महिलाओं" में से एक के रूप में मान्यता दी है।

 

यह वैश्विक रैंकिंग उन बदलाव लाने वालों को सम्मानित करती है जो दुनिया को एक बेहतर जगह बनाने के लिए अपनी शक्ति, प्रभाव, पूंजी और समय का उपयोग कर रहे हैं। सुश्री जांगिड़ को 9,650 महिलाओं के पूल से चुना गया और वह हार्वर्ड 100 सूची में शामिल होने वाली दुनिया की सबसे कम उम्र की महिला हैं।

वह एक सामाजिक कार्यकर्ता और परोपकारी हैं जिन्होंने अपना पूरा जीवन सामाजिक सुधार और हाशिए पर रहने वाले समुदायों के उत्थान के लिए समर्पित कर दिया है। सुश्री जांगिड़ का जन्म भारत-पाक सीमा के पास बाड़मेर के एक दूरदराज सीमान्त गांव गागरिया में हुआ था। उन्होंने कम उम्र में ही अपने पिता को खो दिया और परिवार की देखभाल करने के लिए मजबूर होना पड़ा।

उन्होंने बाल विवाह के अभिशाप के खिलाफ भी संघर्ष किया। इन चुनौतियों के बावजूद, सुश्री जांगिड़ सामाजिक न्याय के प्रति अपनी प्रतिबद्धता में दृढ़ रहीं। सुश्री जांगिड़ भारतीय रक्षा बलों से भी जुड़ी हुई हैं। वह सैनिकों और उनके परिवारों के कल्याण के लिए अथक प्रयास करती हैं। भारतीय रक्षा बलों के साथ उनका जुड़ाव किसी असाधारण से कम नहीं है।

पार्वती ने सैनिकों के साथ एक गहरा रिश्ता बनाया है, उनके बलिदानों और उनके सामने आने वाली अनूठी चुनौतियों को पहचाना है। लाखों रक्षा कर्मियों को अपने हाथ से बने रक्षा सूत्र बांधने की उनकी पहल, बहन के प्यार और समर्थन का एक संकेत, गहराई से प्रतिध्वनित हुई है, अवसाद से लड़ने और अपनेपन की भावना को बढ़ावा देने के लिए एक शक्तिशाली उपकरण के रूप में काम कर रही है।

सच्ची सहानुभूति से पैदा हुए इस कार्य ने लाखों लोगों के जीवन को छुआ है, जिससे उन्हें "सैनिकों की बहन", "बीएसएफ की बहन", "हिमवीर की बहन", "असम राइफल्स की बहन" और "तटरक्षक की बहन" जैसे महान खिताब मिले हैं - ये खिताब उन्हें उन्हीं बलों द्वारा दिए गए हैं जिनकी वे सेवा करती हैं।

उनके समर्पण को और मजबूत करते हुए, उन्हें CGIM मोल्दोवा द्वारा कर्नल की मानद रैंक से सम्मानित किया गया, जो उनके असाधारण योगदान की एक अंतरराष्ट्रीय स्वीकृति है। पार्वती जांगिड़ युवा संसद, भारत की चेयरपर्सन तथा द रिपब्लिक ऑफ़ वीमेन की इलेक्टेड प्रेजिडेंट के रूप में निःस्वार्थ सेवा कार्य कर रही है।

वह भारत की इकलौती सिविलियन है जिसे भारत की डिफेंस फोर्सेज ने सेना सिस्टर की उपाधि से अलंकृत किया है!  सुश्री जांगिड़ के कार्यों को संयुक्त राष्ट्र, भारत के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, सीडीएस, तीनों सेनाओं के मुखियाओं सहित संत महात्माओं सहित कई प्रतिष्ठित संगठनों ने की है!

हार्वर्ड 100 सूची में पार्वती को दुनिया की सबसे कम उम्र की महिला के रूप में शामिल किया गया है, जो कम उम्र में समाज पर उनके गहन प्रभाव का प्रमाण है। मेलिंडा फ्रेंच गेट्स, उर्सुला वॉन डेर लेयेन और पीवी सिंधु, सुसान ली, लॉरेन पॉवेल जॉब्स, जूलिया गिलार्ड, जियोर्जिया मेलोनी, दीदी माँ साध्वी ऋतंभरा, नीता अंबानी, माता अमृतानंदमयी आदि जैसे अन्य वैश्विक आइकन के साथ।

इस सूची में उनका शामिल होना उनके अथक प्रयासों और बदलाव को प्रेरित करने की उनकी क्षमता को वैश्विक मान्यता को रेखांकित करता है। सुश्री जांगिड़ की जीवन कहानी लचीलापन और दृढ़ संकल्प की एक प्रेरणादायक जीवंत कहानी है। वह उन सभी के लिए एक रोल मॉडल हैं जो स्वयं में तथा  दुनिया में सार्थक बदलाव लाना चाहते हैं।

हार्वर्ड 100 के बारे में :

हार्वर्ड 100 बदलाव लाने वाली महिलाओं की वैश्विक रैंकिंग है। यह उन नेताओं को मान्यता देता है जो दुनिया को एक बेहतर जगह बनाने के लिए अपनी शक्ति और प्रभाव का उपयोग कर रहे हैं। हार्वर्ड 100 सूची में असाधारण महिला सामाजिक कार्यकर्ताओं और परोपकारी लोगों को मान्यता दी गई है जो समाज को बदल रही हैं और दुनिया को बदल रही हैं।

एक झलक फ़ौज के साथ पार्वती के साहसिक अभियान की : 

गत 15 सालों से लगातार रक्षाबंधन को इंटरनेशनल बॉर्डर पर ‘‘भारत रक्षा पर्व‘‘ के रूप में मनाती आ रही है, आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में सिस्टर ऑफ सोल्जर्स पार्वती लगातार 101 दिन फौज के साथ रही और 12 राज्यों की सीमा को कवर किया, कर्नल पार्वती ने गुजरात के रण से लेकर सियाचिन ग्लेशियर तक, हिमालय की दुर्गम चोटियों से लेकर नॉर्थ ईस्ट का विशेष जटिलता लिये बॉर्डर हो, भारत का 95 प्रतिशत से भी अधिक बॉर्डर कवर किया, शुरू में एक-दो दिन बॉर्डर पर जाती थी।

लेकिन गत 10 सालों से 10-15 दिन बॉर्डर पर मां भारती की सुरक्षा में तैनात जवानों की सूनी कलाई में राखी के रंग भर मनाती आ रही है। 15 सालों में एक भी रक्षाबंधन व दीपावली घर पर न मनाकर, हमेंशा फौज के साथ सुदूर दुर्गम बॉर्डर पर मनाया तथा ईश्वर इच्छा से सीमा जागरण का अनोखा, साहसिक कार्य कर रही, अब तक तीन लाख से भी ज्यादा फौजी भाईयों को अपने हाथ से राखीयां/रक्षासूत्र बना बांध व सीधा संवाद कर चुकी हैं। एवं हजारों किलोमीटर इंटरनेशनल बॉर्डर, सीमांत क्षेत्र यात्रा व 7000  जगहों का प्रवास, अमृत महोत्सव में और स्वर्णिम रंग भरेंगे, ऐसा हमारा विश्वास है।

आजादी का अमृत महोत्सव और भारतवर्ष के अमृत-काल में प्रवेश करने के उपलक्ष्य में पार्वती ने यह तय किया कि हमारी सुरक्षा में बॉर्डर पर तैनात सुरक्षा बलों के वरिष्ठ अधिकारी ने तथा ऐसे बहादुर जवान जिनका सेवाकाल 30 वर्ष या इससे अधिक हुआ है, उन्हे उनके कर्म क्षेत्र/बटालियन/युनिट/पलटन में जाकर ‘‘युवा संसद, भारत की तरफ से ‘‘अमृतस्य पुत्रा सम्मान‘‘ प्रदान कर उनकी गौरवमयी राष्ट्र सेवा का सम्मान करें, क्योंकि यही बहादुर जवान भारतवर्ष के असली ‘‘अमृतपुत्र‘‘ है, जिनकी वजह से राष्ट्र संरक्षित है, शांतिमय है तथा चहुंओर विकास कर रहा है।

भारत की इकलौती सिविलियन है जिसे सेना द्वारा सिस्टर ऑफ सोल्जर्स की उपाधि मिलने का गौरव प्राप्त है।

अब तक दर्जनों राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय सम्मानों से सम्मानित हो चुकी है पार्वती, कर्नल पार्वती का मानना है कि फौज द्वारा सिस्टर ऑफ सोल्जर्स की उपाधि देना मेरे लिए सर्वोपरि, मेरे लिए संसार के सारे अवार्ड,पुरस्कार इसके सामने फीके है , ज्ञात हो पार्वती को सीमा सुरक्षा बल द्वारा सिस्टर ऑफ बी.एस.एफ., आई.टी.बी.पी. द्वारा सिस्टर ऑफ हिमवीर, नौसेना द्वारा सिस्टर ऑफ नेवी, कोस्ट गार्ड द्वारा सिस्टर ऑफ तटरक्षक, इस प्रकार लगभग भारत के सारे सुरक्षा बलों ने आपको सिस्टर की उपाधि से अलंकृत किया है, आप भारत की इकलौती सिविलियन है जिसे यह गौरव प्राप्त है।

आपके अद्वितीय कार्यों, साहसिक अभियानों के लिए सुरक्षा बलों की तरफ से अब तक आपको सौ से ज्यादा  बार कमेंडेशन देकर सम्मानित किया जा चुका है। भारत गौरव स्वामी विवेकानंद जी और नरेंद्र भाई मोदी जी की जीवन यात्रा से प्रभावित हो कक्षा 10वीं में ही आजीवन राष्ट्र सेवा का संकल्प लिया 16000 फीट की उंचाई पर स्थित ‘‘मचोई ग्लेशियर‘‘ पर जाकर गर्व से तिरंगा ध्वज फहरा कर आई तो भारतीय सेना के बहादुर जवान बलिदानी श्री औरंगजेब के गांव सलानी, पुँछ सेक्टर (जो की पीओके के एकदम सटीक सीमांत गाँव है) जाकर नमन किया और उनके परिवार के प्रति कृतज्ञता प्रकट कर आई।

वहीँ सियाचिन ग्लेशियर की माइनस चालीस डिग्री तापमान और ऑक्सीजन की भयंकर कमी जैसे अतिदुर्गम क्षेत्र में जाकर जवानों का हौंसला बढ़ाया, गुजरात का रण हो या हिमालय की दुर्गम चोटियां, राजस्थान की तपती गर्मी हो या पूर्वोत्तर का विशेष जटिलता लिए बॉर्डर हो, भारत की सात हजार से भी ज्यादा डिफेन्स प्लेस सहित 95 प्रतिशत अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर विजिट कर चुकी है सुश्री जांगिड़।  इसी तरह देश के अन्य हिस्सों में वीर परिवारों के सहयोग के लिए वह आगे रहती है, जवानों को आने वाली समस्याओं का समाधान और सुरक्षित सीमा समृद्ध भारत पार्वती का मुख्य जीवन लक्ष्य है।

Web Title: Colonel Parvati Jangid Included in 100 extraordinary women changemakers, third global rank

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