नोएडा आने पर जा चुकी है मुख्यमंत्रियों की कुर्सी, अब इस अंधविश्वास को CM योगी ने दी चुनौती
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: December 21, 2017 02:52 PM2017-12-21T14:52:20+5:302017-12-21T14:54:03+5:30
जिस नोएडा को राजनीतिक रूप से 'मनहूस' समझा जाता है उसी का दौरा करने के लिए सीएम योगी आ रहे हैं।
जिस नोएडा को राजनीतिक रूप से 'मनहूस' समझा जाता है उसी का दौरा करने के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आ रहे हैं। नोएडा यानि गौतमबुद्धनगर को लेकर राजनीतिक हलके में ऐसा अंधविश्वास फैला है कि कोई भी राजनेता यहां आने से पहले एकबार जरूर सोचता है। हालांकि, सीएम योगी इस मिथक को तोड़ने के लिए 25 दिसंबर को नोएडा आएंगे।
अखिलेश यादव को भी था डर!
बताया जाता है कि यूपी का जो भी सीएम अपने कार्यकाल के दौरान यहां आता है उसे अपनी कुर्सी गंवानी पड़ती है। ऐसा कहा गया कि पूर्व सीएम अखिलेश यादव मुख्यमंत्री रहते हुए नोएडा कभी नहीं आए और यमुना एक्सप्रेसवे व बाबा रामदेव के पतंजलि फूड पार्क का उद्घाटन लखनऊ से ही कर दिया। इसके अलावा राजनाथ सिंह भी सीएम रहते कभी नोएडा नहीं आए।
नोएडा आने पर गई इन नेताओं की कुर्सी
नोएडा को लेकर इस अंधविश्वास की शुरुवात उस समय हुई जब 1988 में सीएम वीर बहादुर सिंह नोएडा आए। उनके आने के बाद ही उनकी कुर्सी चली गई, जिसके बाद यह शहर राजनीतिक रूप से 'मनहूस' बन गया। उसके बाद1989 में नारायण दत्त तिवारी और 1999 में कल्याण सिंह की कुर्सी भी नोएडा आने के बाद चली गई। फिर 1995 में मुलायम सिंह सीएम रहते हुए नोएडा आए और कुछ दिन बाद उनकी भी कुर्सी चली गई। सबसे ज्यादा हालत खराब मायावती की हुई। वे 2007 में सीएम रहते हुए चार बार नोएडा आईं। इसके 2012 में उन्हें सत्ता से हाथ धोना पड़ा। साथ ही साथ पार्टी को बुरी तरह पराजय का सामना करना पड़ा।
इस वजह से आएंगे सीएम नोएडा
गौरतलब है नोएडा के मैजेंटा लाइन मेट्रो का उद्घाटन 25 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी करेंगे। इस दौरान पीएम की स्वागत यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ करेंगे। सीएम योगी के इस दौरे की पुष्टि बीजेपी के गौतमबुद्धनगर जिलाध्यक्ष विजय भाटी ने कर दी है। इस कार्यक्रम में पीएम के अलावा केंद्रीय मंत्री डॉक्टर महेश शर्मा के साथ कई दिग्गज नेता भी मौजूद रहेंगे।