बेंगलुरु: कर्नाटककांग्रेस विधानमंडल की बैठक में कांग्रेस विधायकों ने निर्वाचन क्षेत्र के विकास के लिए विशेष अनुदान की मांग की। विधायकों की सलाह पर विधानमंडल सत्र में पत्र को लेकर गंभीर चर्चा हुई। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने बैठक में विधायकों को निर्देश दिया कि वे खुला पत्र लिखकर शर्मिंदगी पैदा करने के बजाय सीधे मुख्यमंत्री यानि उनसे संपर्क कर सकते हैं। विधायकों को खुले बयान, पत्र और विवादास्पद समाचार फैलाने का प्रयास नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसका लोकसभा चुनाव पर प्रतिकूल असर पड़ेगा।
मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया कि हमारा सारा लक्ष्य लोकसभा चुनाव पर होना चाहिए। उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा कि पार्टी में अनुशासन बहुत महत्वपूर्ण है। हमारे विधायकों को विपक्षी पोल नहीं सुनना चाहिए, बीजेपी और अन्य दल जानबूझकर भ्रम पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं।
बैठक की शुरुआत में जब मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री ने पत्र के खिलाफ अपना गुस्सा जाहिर किया तो कई विधायक बिफर पड़े। विधायकों की शिकायत थी कि क्षेत्र की विकास परियोजनाओं के संबंध में और यहां तक कि अधिकारियों के तबादले के मामले में भी विधायकों की बातों की कद्र नहीं की जाती है। विधायकों ने अफसोस जताया कि अगर यही स्थिति रही तो आने वाले दिनों में लोकसभा चुनाव का सामना करना मुश्किल हो जायेगा।
इसके बावजूद एनएस बोसराज को मंत्री बनाए जाने को लेकर आपत्तियां सुनने को मिली हैं। एनएस बोसराज को लेकर विरोध जताया गया, जो विधान परिषद या विधान सभा के सदस्य नहीं हैं और कई वरिष्ठों की अनदेखी कर उन्हें सदन का अध्यक्ष बनाया गया है। बीके हरिप्रसाद जैसे दिग्गजों की उपेक्षा की भी चर्चा हुई। इसके बाद बैठक में परोक्ष रूप से असंतोष की बात सुनी गई और स्पष्ट किया गया कि अगर कोई असंतोष है तो उस पर पार्टी मंच पर चर्चा की जानी चाहिए।
गौरतलब है कि बैठक में मंत्री डॉ. जी परमेश्वर, प्रियांक खड़गे और कृष्णा बायरे गौड़ा के खिलाफ आपत्तियां सुनी गईं। बताया जा रहा है कि बैठक में कई मंत्रियों ने अपने विभागों से संबंधित स्पष्टीकरण दिया है। यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि कई कांग्रेस विधायकों और एमएलसी ने मंत्रियों के कथित असहयोग को आवश्यक निर्वाचन क्षेत्र के काम को निष्पादित करने में असमर्थता के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए अपना असंतोष व्यक्त किया। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने उन्हें आश्वासन दिया कि उन्होंने जिलों में मासिक बैठकें आयोजित करके विधायकों की शिकायतों को दूर करने का फैसला किया है।