पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बागेश्वर धाम के बाबा धीरेंद्र शास्त्री के हिन्दू राष्ट्र वाले बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि देश का नाम बदलने की बात कर रहे लोगों पर हमको आश्चर्य होता है। ऐसा कभी कोई कर सकता है? कोई कुछ बोल रहा है तो अपने मर्जी से बोल रहा है, उसका कोई वैल्यू है। उन्होंने कहा कि देश संविधान के मुताबिक चलेगा। यहां सब को अपना पूजा करने का अधिकार है। लेकिन दूसरे के बारे में बोलना गलत है।
दरअसल, पत्रकारों ने जब नीतीश कुमार से यह कहा कि धीरेंद्र शास्त्री देश को हिन्दू राष्ट्र बनाने की बात कह रहे हैं। इसपर नीतीश कुमार ने कहा कि देश का संविधान सबकी सहमति से बना है। संविधान में जो देश का नाम है, अब उस नामाकरण को न स्वीकार करना चाहिये। उसमें कुछ बदलना चाहिये?
उन्होंने कहा कि हमको तो आश्चर्य होता है। इस सब का प्रचार, इसलिए हो रहा है कि दिल्ली वाले देश भर के मीडिया पर कब्जा किये हुए हैं। कोई बताता है कि देश का नाम क्या है? देश का नाम है तो उसको बदलियेगा? नीतीश कुमार ने कहा कि आजादी की लड़ाई हुई थी और अभी जो कुछ बोल रहे हैं, उनका जन्म उस समय हुआ था? हमारे पिता आजादी की लड़ाई में बहुत सक्रिय थे। बचपन में हम लोगों को बताये और बाद में एक एक चीज हमलोग जानें। हम लोग तो बार- बार कहते हैं कि महात्मा गांधी को और उनके जो लोग काम किये उन्हीं के आधार पर हमलोग काम कर रहे हैं, विकास कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमको तो आश्यर्च होता है कि क्या क्या बोल रहे हैं। किसी भी धर्म को मानिये उसकी पूजा करिये। उसमें कोई रूकावट है? जो भी अपने धर्म की पूजा करे, उसमें कोई रूकावट तो है नहीं। लेकिन ये सब नामकरण करना हमको तो आश्चर्य लगता है। ऐसा कभी कोई कर सकता है।
उन्होंने कहा कि जिनका भी जो धर्म है और उस मुताबिक पूजा करते हैं, तो करिये न भाई इसमें कौन रोका है। आप किसी भी धर्म को मानते हैं, मानिये। आप जानते हैं न कि इस देश में 7 धर्म है। हम लोगों तो सभी लोगों के हित में काम करते हैं, बिहार में आपलोग देख रहे हैं न, हम सब के लिए काम कर रहे हैं। सबको अधिकार है, अपने ढ़ंग से पूजा करे, अपने ढ़ंग से काम करे, उसमें तो हम लोगों को कोई आपत्ति नहीं है। लेकिन आपस में कोई विवाद न हो।
सीएम ने कहा, किसी के पूजा करने में कोई हस्तक्षेप नहीं है। लेकिन कुछ चीजों को मान लेना चाहिये। जितने धर्म को मानने वाले हैं सब की इज्जत है और कहीं इधर उधर लोगों के मामले में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिये। इसकी इजाजत नहीं है। कोई कुछ बोल रहा है तो अपने मर्जी से बोल रहा है, उसका कोई वैल्यू है?