Climate Change: बाढ़ की वजह से 2050 तक देश की आर्थिक राजधानी को होगा 920 बिलियन डॉलर का नुकसान, रिपोर्ट में दावा
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: February 28, 2020 23:03 IST2020-02-28T23:02:10+5:302020-02-28T23:03:46+5:30
मैकिन्से ग्लोबल इंस्टीट्यूट की एक रिपोर्ट के मुताबिक साल 2050 तक मुंबई को बाढ़ की वजह से 920 बिलियन डॉलर का नुकसान हो सकता है।

Climate Change: बाढ़ की वजह से 2050 तक देश की आर्थिक राजधानी को होगा 920 बिलियन डॉलर का नुकसान, रिपोर्ट में दावा
विश्व के सबसे बड़े आबादी वाले शहरों में से एक और भारत की आर्थिक राजधानी कही जाने वाली मुंबई को 2050 तक दोगुनी आर्थिक नुकसान हो सकता है। मैकिन्से ग्लोबल इंस्टीट्यूट की एक रिपोर्ट के मुताबिक साल 2050 तक मुंबई को बाढ़ की वजह से 920 बिलियन डॉलर का नुकसान हो सकता है, जो कि वर्तमान में 580 बिलियन डॉलर से अधिक है।
इकॉनिक टाइम्स ने रिपोर्ट के हवाले से बताया है कि बाढ़ का औसत जल स्तर 52 सेमी से बढ़कर 82 सेमी तक होने की संभावना है। इससे बाढ़ से प्रभावित शहर का क्षेत्रफल 46% से 60% होने का अनुमान है। रिपोर्ट में शहर के समुद्र तट से एक किलोमीटर के भीतर रहने वाले लगभग 3 मिलियन लोगों पर बाढ़ और तूफान का खतरा मंडरा रहा है।
2050 तक डूब जाएगी मुंबई
वहीं, इससे पहले एक अध्ययम में मुंबई पर 2050 तक डूबने का खतरा बताया गया था। साथ ही इसमें कहा गया था कि भारत और अन्य एशियाई देशों जिनमें बांग्लादेश और इंडोनेशिया शामिल हैं, में अनुमानित उच्च ज्वार रेखा के नीचे रहने वाली आबादी में इस सदी के अंत तक पांच से दस गुना वृद्धि देखी जा सकती है।
शोधकर्ताओं का कहना है कि दुनिया भर में प्रभावित भूमि पर रह रहे कुल लोगों में से 70 फीसदी से अधिक चीन, बांग्लादेश, भारत, वियतनाम, इंडोनेशिया, थाईलैंड, फिलीपीन और जापान जैसे आठ एशियाई देशों में हैं। संशोधित अनुमानों के आधार पर कहा गया है कि भारत, बांग्लादेश, इंडोनेशिया और फिलीपीन में अनुमानित उच्च ज्वार रेखा से नीचे रहने वाली वर्तमान आबादी में पांच से दस गुना इजाफा हो सकता है।
शोध में कहा गया कि वर्ष 2050 तक 34 करोड़ लोग ऐसी जगहों पर रह रहे होंगे जो सालाना बाढ़ के पानी में डूब जाएगी जबकि इस सदी के अंत तक यह संख्या 63 करोड़ हो जाएगी।