सिंघू बॉर्डर पर किसानों और स्थानीय निवासी होने का दावा कर रहे लोगों में झड़प; पुलिस का लाठीचार्ज

By भाषा | Updated: January 29, 2021 16:56 IST2021-01-29T16:56:31+5:302021-01-29T16:56:31+5:30

Clashes between the people claiming to be farmers and local residents on the Singhu border; Police lathicharge | सिंघू बॉर्डर पर किसानों और स्थानीय निवासी होने का दावा कर रहे लोगों में झड़प; पुलिस का लाठीचार्ज

सिंघू बॉर्डर पर किसानों और स्थानीय निवासी होने का दावा कर रहे लोगों में झड़प; पुलिस का लाठीचार्ज

नयी दिल्ली, 29 जनवरी सिंघू बॉर्डर पर किसानों और खुद के स्थानीय निवासी होने का दावा करने वाले लोगों के एक बड़े समूह के बीच शुक्रवार को झड़प हो गई, जिसके चलते पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा और आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े।

केंद्र के नये कृषि कानूनों के खिलाफ मुख्य प्रदर्शन स्थलों में शामिल सिंघू बॉर्डर पर हुई झड़प के दौरान दोनों पक्षों ने एक दूसरे पर पथराव भी किया।

एक अधिकारी ने बताया कि एक व्यक्ति ने दिल्ली पुलिस के अलीपुर थाना प्रभारी (एसएचओ) प्रदीप पालीवाल पर तलवार से हमला किया, जिससे वह घायल हो गये। साथ ही, कुछ अन्य लोग भी घायल हुए हैं।

अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने एसएचओ पर हमला करने वाले व्यक्ति को हिरासत में ले लिया है।

स्थानीय निवासी होने का दावा कर रहे लोगों का समूह सिंघू बॉर्डर को खाली कराने के लिए वहां पहुंचा था। इन लोगों ने आरोप लगाया कि उन्होंने (प्रदर्शनकारी किसानों ने) गणतंत्र दिवस पर ‘‘ट्रैक्टर परेड’’ के दौरान राष्ट्रीय ध्वज का अपमान किया।

डंडों से लैस स्थानीय लोगों का समूह प्रदर्शन स्थल पर पहुंचा और किसानों के खिलाफ नारे लगाते हुए उनसे वहां से जाने को कहा। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर पथराव भी किये। सिंघू बॉर्डर प्रदर्शन स्थल पर काफी हद तक बाहर से प्रवेश रोका गया है, लेकिन स्थानीय लोगों का प्रतिरोध करने के लिए बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी वहां आ रहे थे।

हालांकि, किसान यूनियन के स्वयंसेवियों ने उन्हें फौरन रोक दिया, जिससे स्थिति ज्यादा उग्र नहीं हो पाई।

पंजाब के रहने वाले हरकीरत मान बेनीवाल (21) ने कहा, ‘‘वे स्थानीय लोग नहीं हैं, बल्कि भाड़े पर बुलाये गये गुंडे हैं। वे लोग हम पर पथराव कर रहे थे और पेट्रोल बम फेंक रहे थे। उन्होंने हमारी ट्रॉली भी जलाने की कोशिश की। हम उनका प्रतिरोध करने के लिए यहां हैं।’’

गौरतलब है कि 26 जनवरी को किसान संघों की ‘‘ट्रैक्टर परेड’’ के दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प हुई थी। कई प्रदर्शनकारी लाल किला पहुंच गये थे और इस ऐतिहासिक स्मारक में प्रवेश कर गये। कुछ प्रदर्शनकारियों ने इसकी प्राचीर पर धार्मिक झंडा भी लगाया, जहां देश के प्रधानमंत्री स्वतंत्रता दिवस पर ध्वजारोहण करते हैं।

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Web Title: Clashes between the people claiming to be farmers and local residents on the Singhu border; Police lathicharge

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