महाभियोग प्रस्ताव: आज से CJI दीपक मिश्रा की अदालत में नहीं पेश होंगे कपिल सिब्बल, कहा- उच्चतम नैतिकता का पालन करता हूँ
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: April 23, 2018 08:50 AM2018-04-23T08:50:24+5:302018-04-23T08:50:24+5:30
कांग्रेस समेत सात राजनीतिक दलों के 64 राज्य सभा सांसदों ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधाश दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव का नोटिस उप-राष्ट्रपति वेंकैया नायडू को दिया था जिसे उन्होंने राज्य सभा सचिव को आगे की कार्रवाई पर विचार के लिए भेज दिया है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने कहा है कि वो सोमवार (23 अप्रैल) से किसी भी मुकदमे की पैरवी के लिए सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) दीपक मिश्रा की अदालत में नहीं पेश होंगे। कांग्रेस समेत सात राजनीतिक पार्टियों ने राज्य सभा में सीजेआई के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने का नोटिस उप-राष्ट्रपति और राज्य सभा के सभापति वेंकेया नायडू को दिया है। उप-राष्ट्रपति ने महाभियोग प्रस्ताव राज्य सभा सचिव को अग्रसारित कर दिया है। कांग्रेस के महाभियोग प्रस्ताव की नोटिस पर 64 वर्तमान सांसदों के हस्ताक्षर हैं। महाभियोग प्रस्ताव की नोटिस देने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि सीजेआई नियमित रूप से अपना काम करते रहेंगे।
कपिल मिश्रा ने इंडियन एक्सप्रेस अखबार से कहा, "मैं कल (सोमवार) से मुख्य न्यायाधीश जब तक रिटायर नहीं हो जाते मैं उनकी अदालत में नहीं जाऊँगा...क्योंकि मैं अपने पेशे में नैतिकता के उच्चतम मानदण्डों का पालन करता हूँ।" सिब्बल ने आगे कहा कि अगर वो (सीजेआई) रिटायर होने तक अपने पद पर बने रहते हैं और उनके खिलाफ जाँच शुरू की जाती है तो उनके पद से अलग होने तक...हम मानदण्डों के पालन में यकीन रखते हैं।
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कपिल सिब्बल ने कहा कि से इंडियन एक्सप्रेस ने पूछा कि पूर्व वित्त मंत्री और राज्य सभा सांसद पी चिदंबरम सीजेआई के खिलाफ महाभियोग याचिका पर दस्तखत क्यों नहीं किया है? इस पर सिब्बल ने कहा कि पी चिदंबरम के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में केस चल रहा है इसलिए उनके इस नोटिस पर हस्ताक्षर करने के लिए पूछा ही नहीं गया। सिब्बल ने कहा कि चिदंबरम के वकील खुद सिब्बल हैं और उन्हें इस बात का अफसोस है कि अब वो चिदंबरम की पैरवी के लिए सीजेआई की अदालत में नहीं पेश हो पाएंगे। पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम के खिलाफ एयरसेल-मैक्सिम केस सीजेआई की अदालत में विचाराधीन है।
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कपिल सिब्बल सीजेआई की अदालत में कार्ति चिदंबरम के केस के अलावा राम मंदिर- बाबरी मस्जिद विवाद और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के बेटे जय शाह की द वायर डॉट इन मानहानि से जुड़े केस में वकील हैं। इससे पहले मीडिया में खबर आई थी कि पूर्व प्रधानमंत्री और राज्य सभा मनमोहन सिंह ने सीजेआई के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पर दस्तखत नहीं किया। कपिल सिब्बल ने मीडिया में आई खबरों का खण्डन करते हुए इसे गलत बताया।
सिब्बल ने कहा कि उप-राष्ट्रपति के पास महाभियोग प्रस्ताव की नोटिस की पात्रता पर रद्द करने का आधिकार नहीं होता, वो केवल इसकी प्रक्रिया पर विचार कर सकते हैं और इस याचिका पर जजेज (इनक्वायरी) एक्ट के तहत फैसला लिया जाता है। सिब्बल के अनुसार उप-राष्ट्रपति तभी नोटिस वापस कर सकते हैं जब उसपर 50 राज्य सभा सांसदों का दस्तखत न हो या उसमें लगाए गए आरोप संविधान के प्रावधानों के अनुरूप न हों।