जिस चीनी कंपनी को विश्व बैंक ने प्रतिबंधित किया, मोदी सरकार ने उसे जम्मू-कश्मीर में स्मार्ट मीटर का ठेका दिया: कांग्रेस

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: December 13, 2022 06:58 PM2022-12-13T18:58:08+5:302022-12-13T19:00:28+5:30

कांग्रेस ने दावा किया, ‘‘जिस चीनी कंपनी को विश्व बैंक ने प्रतिबंधित कर दिया, मोदी सरकार ने उसी कंपनी को जम्मू-कश्मीर में स्मार्ट मीटर का ठेका दे दिया। स्मार्ट मीटर का ठेका देने का मतलब है कि आपने जम्मू-कश्मीर के तमाम नागरिकों का डाटा चीन के हवाले कर दिया है।

Chinese company which was banned by the World Bank, was given the contract of smart meters by the Modi government in J&K: Congress | जिस चीनी कंपनी को विश्व बैंक ने प्रतिबंधित किया, मोदी सरकार ने उसे जम्मू-कश्मीर में स्मार्ट मीटर का ठेका दिया: कांग्रेस

जिस चीनी कंपनी को विश्व बैंक ने प्रतिबंधित किया, मोदी सरकार ने उसे जम्मू-कश्मीर में स्मार्ट मीटर का ठेका दिया: कांग्रेस

Highlightsकांग्रेस ने कहा, जिन ऐप को प्रतिबंधित किया था, उनमें से कई के साथ भाजपा के गहरे रिश्ते हैंपवन खेड़ा ने यूसी वेब और शेयर-इट के साथ भाजपा की साझेदारी का लगाया आरोपकहा, पीएम केयर फंड के आंकड़े साझा करिए, तो पता चले कि किन चीनी कंपनियों ने अनुदान दिया

नई दिल्ली: कांग्रेस ने ‘राजीव गांधी फाउंडेशन’ (आरजीएफ) के संदर्भ में गृह मंत्री अमित शाह के बयान को लेकर मंगलवार को उन पर पलटवार करते हुए दावा किया कि जिन चीनी ऐप को सरकार ने प्रतिबंधित किया था, उनमें से कई के साथ भारतीय जनता पार्टी के गहरे रिश्ते रहे हैं। पार्टी के मीडिया एवं प्रचार प्रमुख पवन खेडा ने यह दावा भी किया कि भाजपा के एक प्रतिनिधिमंडल ने चीन की कम्युनिस्ट पार्टी से लोकतंत्र के बारे में शिक्षा हासिल की थी। 

उन्होंने यह भी कहा कि आरजीएफ के खाते का लेखा-जोखा दर्ज है तथा छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है। खेड़ा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं याद दिलाना चाहता हूं कि इस सरकार ने जिन ऐप को प्रतिबंधित किया था, उनमें से कई के साथ भाजपा के गहरे रिश्ते हैं। यूसी वेब के साथ भाजपा ने साझेदारी की। शेयर-इट के साथ साझेदारी की है।’’ 

उन्होंने दावा किया, ‘‘जिस चीनी कंपनी को विश्व बैंक ने प्रतिबंधित कर दिया, मोदी सरकार ने उसी कंपनी को जम्मू-कश्मीर में स्मार्ट मीटर का ठेका दे दिया। स्मार्ट मीटर का ठेका देने का मतलब है कि आपने जम्मू-कश्मीर के तमाम नागरिकों का डाटा चीन के हवाले कर दिया है। ऐसा क्‍यों?’’ खेड़ा ने कहा, ‘‘आरएसएस कहता है कि वह सांस्कृतिक संगठन है। उसे बताना चाहिए कि उसके चीन के साथ क्या रिश्ते हैं। भाजपा के लोग चीन से शिक्षित होने जाते हैं।’’ 

उन्होंने कहा, ‘‘ केंद्र सरकार के एक मंत्री के पुत्र की मौजूदगी वाले फाउंडेशन को चीन से पैसे मिले। ‘इंडिया फाउंडेशन’ और ‘विवेकानंद फाउंडेशन’ के साथ चीन के क्या रिश्ते हैं, इस बारे में गृह मंत्री को बताना चाहिए।’’ कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘पीएम केयर फंड के आंकड़े साझा करिये, तो पता चले कि किन चीनी कंपनियों ने अनुदान दिया।’’ 

उल्लेखनीय है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से कहा कि कांग्रेस ने राजीव गांधी फाउंडेशन के एफसीआरए (विदेशी चंदा नियमन कानून) पंजीकरण को रद्द करने संबंधी प्रश्नों से बचने के लिए संसद में सीमा मुद्दे को उठाया। उन्होंने आरोप लगाया कि राजीव गांधी फाउंडेशन को चीनी दूतावास से एक करोड़ 35 लाख रुपए का अनुदान प्राप्त हुआ था, जो एफसीआरए कानून और उसकी मर्यादाओं के अनुरूप नहीं था, इसलिए इसका पंजीकरण रद्द कर दिया गया।

(कॉपी भाषा)

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