केरल में बच्चा गोद लेने का मामला : इसे जाना-बूझा ‘मानव तस्करी’ बताया

By भाषा | Updated: November 24, 2021 15:49 IST2021-11-24T15:49:44+5:302021-11-24T15:49:44+5:30

Child adoption case in Kerala: It is deliberately called 'human trafficking' | केरल में बच्चा गोद लेने का मामला : इसे जाना-बूझा ‘मानव तस्करी’ बताया

केरल में बच्चा गोद लेने का मामला : इसे जाना-बूझा ‘मानव तस्करी’ बताया

कोल्लम (केरल), 24 नवंबर केरल में विपक्षी दल कांग्रेस ने बुधवार को मुख्यमंत्री पिनराई विजयन पर एसएफआई की पूर्व नेता अनुपमा चंद्रन के बच्चे को उनकी अनुमति के बगैर गोद लेने के नाम पर पड़ोसी आंध्र प्रदेश में ''तस्करी'' किये जाने का ''षड़यंत्र'' रचने का आरोप लगाया।

राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता वीडी सतीसन ने इस मुद्दे पर मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेतृत्व वाली सरकार और पार्टी नेतृत्व पर हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री आजकल विवादास्पद मुद्दों विशेषकर उन मामलों पर टिप्पणी करने से बचने के लिए चुप्पी को अपने हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं, जिनमें वह खुद संलिप्त हैं।

बृहस्पतिवार को डीएनए परीक्षण रिपोर्ट में पुष्टि हुई है कि अनुपमा चंद्रन और उनके पति अजित बच्चे के बायोलॉजिकल (असली) माता-पिता हैं। उस बच्चे को गोद लेने से दक्षिणी राज्य में विवाद खड़ा हो गया है, जिसके बीच सतीसन का यह बयान आया है।

उन्होंने आरोप लगाया कि नवजात की मां उसे तलाश रही है, यह जानते हुए भी मुख्यमंत्री की अध्यक्षता वाली केरल राज्य बाल कल्याण और बाल कल्याम समिति ने बच्चे को गोद लेने दिया और उसे दूसरे राज्य भेज दिया।

उन्होंने यहां पत्रकारों से कहा, ''बच्चे को आंध्र प्रदेश में स्थानांतरित करना मुख्यमंत्री, उनके कैबिनेट सहयोगियों, माकपा सचिव और अन्य नेताओं की जानकारी में रची गई साजिश थी। इसे जानबूझकर की गई मानव तस्करी का मामला कहना ज्यादा सही होगा।''

अनुपमा ने आरोप लगाया था कि उसके पिता जो एक स्थानीय माकपा नेता हैं, वह उसके बच्चे को जबरन अपने साथ ले गये थे, जिसके बाद राजनीतिक विवाद पैदा हो गया था और सरकार ने घटना की विभागीय जांच के आदेश दिये।

अनुपमा ने अपने माता-पिता पर एक साल पहले उसके बच्चे को जन्म लेते ही जबरन ले जाने का आरोप लगाया था। एक कुटुंब अदालत ने पिछले महीने बच्चे के गोद लेने की प्रक्रिया पर रोक लगाई थी और पुलिस को मामले में सीलबंद लिफाफे में विस्तृत रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया।

मंगलवार को आधिकारिक सूत्रों ने बताया था कि बृहस्पतिवार को राजीव गांधी जैवप्रौद्योगिकी केंद्र (आरजीसीबी) में बच्चे और दंपति की कराई गयी डीएनए जांच का परिणाम ‘पॉजिटिव’ आया है।

जांच परिणाम के बारे में सूचित किये जाने के बाद दंपति बच्चे को देखने तिरुवनंतपुरम में निर्मला शिशु भवन पहुंचे। अनुपमा ने बच्चे को पिछली बार तब देखा था, जब वह केवल तीन दिन का था।

अनुपमा ने उम्मीद जताई कि अब इस मामले में कुटुंब अदालत में 30 नवंबर से पहले सुनवाई होगी। अनुपमा ने कहा कि अदालत द्वारा सुनवाई के बाद उसे जल्द उसका बेटा मिल जाएगा।

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Web Title: Child adoption case in Kerala: It is deliberately called 'human trafficking'

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