नई दिल्लीः प्रधान न्यायाधीश सूर्यकांत ने शुक्रवार को कहा कि गरीब वादियों के लिए न्याय सुनिश्चित करना उनकी शीर्ष प्राथमिकता है और वह उनके लिए अदालत में आधी रात तक बैठ सकते हैं। प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) ने तिलक सिंह डांगी नामक व्यक्ति द्वारा केंद्र और अन्य के खिलाफ दायर याचिका को खारिज करते हुए यह टिप्पणी की।
इस दौरान, सीजेआई के साथ न्यायमूर्ति जॉयमाल्य बागची भी थे। प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘‘मेरी अदालत में, कोई भी अनावश्यक या न्यायालय का समय बर्बाद करने वाला मुकदमा नहीं है।’’ उन्होंने कहा कि ऐसे मामले अमीर वादी ही लड़ते हैं। उन्होंने अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता गिनाते हुए कहा, ‘‘मैं आपको बता दूं... मैं यहां सबसे छोटे... सबसे गरीब पक्षकार के लिए हूं।
अगर जरूरत पड़ी तो मैं उनके लिए मध्य रात्रि तक यहां बैठूंगा।’’ हरियाणा के हिसार जिले के एक मध्यमवर्गीय परिवार से आने वाले न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने 24 नवंबर को भारत के 53वें प्रधान न्यायाधीश के रूप में शपथ ली और लगभग 15 महीने तक इस पद पर रहेंगे। वह नौ फरवरी 2027 को सेवानिवृत्त हो जाएंगे।